ऑस्ट्रेलिया में आग से नुकसान का टूटेगा रिकार्ड, खतरे में इकोनॉमी

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 03:11 PM (IST)

सिडनीः ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पिछले 4 माह से आग ने तबाही मचा रखी है दुनियाभर के दमकलकर्मी दावानल पीड़ित ऑस्ट्रेलिया के तीन राज्यों में आग बुझाने में जुटे हैं हालांकि, भारी गर्मी के चलते उन्हें इस पर काबू पाने में सफलता नहीं मिली है। इसी बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अनुमान लगाया है कि जंगलों की आग से ऑस्ट्रेलिया को 4.4 अरब डॉलर (करीब 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक) का नुकसान हो सकता है। यानी इस साल 2009 की आग का रिकाॅर्ड टूट सकता है। एजेंसी की इकोनॉमिस्ट कैटरीना एल के मुताबिक, आग से ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमी खतरे में है और इसको काफी नुकसान हो सकता है। उन्होंने् कहा कि यहां पहले ही उपभोक्ताओं का सरकार से भरोसा हिला हुआ है। अब वायु प्रदूषण और टूरिज्म-फार्मिंग सेक्टर को सीधे नुकसान का असर उसकी इकोनॉमी पर और ज्यादा असर डालेगा।

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2009 की ‘ब्लैक सैटरडे’ नुकसान का टूट सकता है रिकॉर्ड
कैटरीना ने कहा कि अभी जंगलों की आग गर्मी की वजह से कुछ दिन और रह सकती है। ऐसे में यह 2009 की ‘ब्लैक सैटरडे’ की आग से हुए नुकसान का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। तब आग से कुल 4.5 लाख हेक्टेयर जमीन जली थी, कुल 173 लोगों की मौत हुई थी और एक शहर पूरी तरह तबाह हो गया। इससे अर्थव्यवस्था को 31 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। हालांकि, इस बार 2 महीने में 84 लाख हेक्टेयर जमीन जल चुकी है, 25 लोग आग की चपेट में आ कर मारे जा चुके हैं। न्यू साउथ वेल्स राज्य में स्थित कोबार्गो और मोगो शहर में भारी तबाही हुई है।

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अभी और बढ़ सकती है परेशानी
इसके अलावा विक्टोरिया राज्य का एक शहर मालाकूटा को भी आग से भारी नुकसान हुआ है। उत्पाद निर्माण कम होने की वजह से उपभोक्ताओं को नुकसान कैटरीना के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की यह परेशानी अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि जंगलों की आग का सीजन अभी शुरू ही हुआ है। इन पर नियंत्रण पाना काफी मुश्किल है। लंबे समय से जारी सूखे के चलते भी ऑस्ट्रेलियाई उद्योगों को घाटा उठाना पड़ रहा है। यानी ताजे उत्पादों को निर्माण कम हो रहा है। इनके नुकसान की वजह से उपभोक्ताओं को भी जरूरी चीजें खरीदने के लिए ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ रही हैं।

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प्रदूषण के चलते पर्यटकों में कमी आई
इसके अलावा इस वक्त टूरिज्म इंडस्ट्री भी बुरी तरह प्रभावित है। लाखों जानवरों के मरने की वजह से अब इसे दोबारा खड़ा करने में करोड़ों डॉलर का खर्च आएगा। धुएं की वजह से फैले प्रदूषण से अब तक 30% जनसंख्या प्रभावित हुई है। इससे कामगारों की क्षमताओं पर भी असर पड़ा है। सरकार को अब इन समस्याओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। सड़कों को बंद करने और इंश्योरेंस की कीमतें अदा करने से अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ेगा। ऑस्ट्रेलिया के इंश्योरेंस काउंसिल के मुताबिक, सोमवार तक बीमे के 8200 क्लेम हो चुके हैं। इनमें प्रशासन को 70 करोड़ डॉलर (करीब 3500 करोड़ रुपए) चुकाने होंगे।


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Tanuja

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