ब्रेक्जिट डील पर आखिर EU-UK में बनी सहमति, PM जॉनसन के लिए कड़ी चुनौती बरकरार

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 11:41 AM (IST)

लंदनः ब्रेक्जिट डील को लेकर आखिर ब्रिटेन(UK) और यूरोपीय संघ(EU) के बीच सहमति बन ही गई। गुरुवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने खुद इसकी घोषणा की। हालांकि, इसे मंजूरी के लिए यूरोपीय और ब्रिटिश संसद की मंजूरी की जरूरत होगी। डील से उत्साहित जॉनसन ने कहा कि अब ब्रिटेन को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा और हम दुनियाभर के देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ संसद शनिवार को इसे पारित कर दे। उल्लेखनीय है कि ब्रेग्जिट डील के कारण पूर्व पीएम थरेसा मे को अपना पद भी छोड़ना पड़ा था।

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उधर, यूरोपीय संघ के 28 नेताओं की बैठक से पहले यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष ने ट्वीट किया, 'जहां चाह है वहां डील है। हम एक हैं। यह यूरोपीय संघ और ब्रिटेन दोनों के लिए निष्पक्ष और संतुलित समझौता है।' पिछले कुछ समय से नए PM जॉनसन लगातार ब्रेग्जिट पर सहमति बनाने के प्रयास में थे। यूरोपीयन यूनियन (EU) के अध्यक्ष एंटनी रिने तो ब्रिटेन को चेतावनी भी दे दी थी। जॉनसन ने ट्वीट करते हुए कहा, 'हम एक नए डील पर पहुंचने में सफल रहे हैं। अब संसद को शनिवार इस डील को मंजूरी देनी चाहिए ताकि हम अपनी नई प्राथमिकताओं की तरफ बढ़ें।'बता दें कि ब्रिटेन में 2016 में हुए जनमत संग्रह में EU से अलग होने का फैसला किया था। जॉनसन ने कार्यभार संभालने के बाद साफ किया था कि वह जनमत संग्रह के परिणाम को नहीं बदलेंगे।

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बोरिस जॉनसन के सामने अब भी कड़ी चुनौती
बेशक यूरोपीय संघ के नेताओं ने कड़ी मशक्कत के बाद हुए ब्रेक्जिट समझौते को अपना समर्थन दिया है, लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के सामने अब इसे ब्रिटिश संसद से पारित कराने की बेहद कड़ी चुनौती है। यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने 27 अन्य नेताओं द्वारा सौदे को स्वीकृत किए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि हम अंतिम चरण के काफी करीब हैं।”
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जॉनसन के आशान्वित होने के बावजूद ब्रितानी विपक्षी पार्टियों और हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रधानमंत्री के अपने भी कुछ सहयोगियों ने तुरंत चेताया कि वे शनिवार को विशेष बैठक के दौरान इस पर होने वाले मतदान में इसके पक्ष में वोट नहीं डालेंगे। अगर सौदा खारिज हो जाता है तो प्रधानमंत्री का कानूनी कर्तव्य होगा कि उन्हें EU नेताओं से ब्रेक्जिट को तीसरी बार स्थगित करने के लिए कहना होगा। इसी के साथ 31 अक्टूबर तक ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर निकालने की उनकी प्रतिबद्धता भी टूट जाएगी।

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यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लॉड जंकर ने किया आगाह
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लॉड जंकर ने आगाह किया है कि इसे खारिज किए जाने से “बेहद जटिल स्थिति” पैदा हो जाएगी जबकि टस्क ने कहा है कि अगर ऐसा होता है तो वह सदस्य राष्ट्रों से इस पर प्रतिक्रिया देने को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। जॉनसन ने भरोसा जताया है कि सांसद सौदे का समर्थन करेंगे लेकिन विपक्ष और यहां तक कि सहयोगी पार्टी के साझेदारों से मिली तत्काल प्रतिक्रिया इस पक्ष में नहीं दिखी।
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आखिरी डेडलाइन करीब
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने हाल ही में संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि हमारी सरकार 31 अक्टूबर तक यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए प्रतिबद्ध है जो कि इसकी आखिरी डेडलाइन है। उधर, जॉनसन ने एक के बाद एक कई ट्वीट में इस डील से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'इस नई डील से यह सुनिश्चित होगा कि हमारे कानून, सीमाओं, पैसे और व्यापार पर बिना किसी बाधा हमारा फिर से नियंत्रण होगा और यूरोपीय संघ के साथ नई तरह की दोस्ती स्थापित होगी।'

 


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Tanuja

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