पाकिस्तानी बैंक में झाड़ू से बांध कर फहराया बांग्लादेश का झंडा, मचा बवाल
punjabkesari.in Wednesday, Aug 17, 2022 - 01:02 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः बांग्लादेश में एक पाकिस्तानी बैंक में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का कथित तौर पर अपमान का मामला सामने आया है। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के सिलहट में पाकिस्तान के स्वामित्व वाले हबीब बैंक लिमिटेड में सोमवार को बांग्लादेश के राष्ट्रीय शोक दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रीय ध्वज को पोल के बजाए एक झाड़ू से बांधकर फहराया गया। वहां के स्थानीय लोगों को जब इसका पता चला तो उन्होंने तुरंत इसका विरोध जताया> इसके बाद बैंक के सुरक्षाकर्मियों ने आनन-फानन में झंडे को उतार दिया।
झंडा हटाने के बावजूद इस मामले को लेकर लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। बांग्लादेश के राष्ट्रीय शोक दिवस के मौके पर हुई घटना पर नागरिकों ने त्वरित कार्रवाई करने की मांग की। बता दें कि 15 अगस्त की शाम को हबीब बैंक ने बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. लेकिन इसे झाड़ू से बांधकर फहराया गया। सिलहट के उपायुक्त मोहम्मद मुजिबर रहमान ने कहा, सहायक आयुक्त मौके पर पहुंचे और उन्हें राष्ट्रीय ध्वज अपमानजनक स्थिति में नहीं मिला। हालांकि, हम इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर रहे हैं। मैंने हबीब बैंक की सिलहट ब्रांच के मैनेजर से बात की है वह इस संबंध में लिखित विवरण देंगे व उनका स्पष्टीकरण मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि बांग्लादेश 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाता है। इसी दिन 1975 को बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजिबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी। वह बांग्लादेश के संस्थापक थे और उन्हें बंगबंधु के नाम से भी जाना जाता था। बांग्लादेश सरकार ने स्पष्ट किया कि यह हमला पाकिस्तान के इशारे पर किया गया था। 15 अगस्त 1975 को हथियारबंद समूह ने रहमान उनकी पत्नी सहित उनके परिवार के कम से कम 12 सदस्यों की ढाका के धनमोंडी इलाके में उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी थी। इस हमले में रहमान की दो बेटियां बच गई थीं। दोनों हमले के समय विदेश में थीं।
इनमें बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना हैं। बता दें कि पिछले महीने भी बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने का मामला सामने आया था। राजधानी ढाका में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर इसके विरोध में भारी संख्या में लोग जुटे थे।दरअसल पाकिस्तान उच्चायोग ने गलत तरीके से बांग्लादेश के झंडे को पेश किया था, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया था। बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों ने इसे पाकिस्तान की हिमाकत बताकर न्याय की मांग की थी।