पाकिस्तान का चीन को बड़ा झटका, बलूच सरकार ने ग्वादर पोर्ट की घेराबंदी का काम रोका

punjabkesari.in Sunday, Jan 03, 2021 - 02:26 PM (IST)

बीजिंग: पाकिस्तान में चीन की महत्वकांशी योजना को बड़ा झटका लगा है। बलूचिस्तान सरकार ने चीन की ग्वादर बंदरगाह को चारदीवारी का कार्य फिलहाल रोक दिया है। बलूचिस्तान  के लोग इस योजना का सख्त विरोध कर रहे हैं।  मीडिया रिपोर्ट  के मुताबिक पाकिस्तानी सेना,  इमरान सरकार, ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी और बलूचिस्तान सरकार ने मिलकर बंदरगाह के तीन ओर 24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की दीवार बनाने की योजना बनाई थी। यह दीवार चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर (CPEC) के अंतर्गत जारी परियोजना की सुरक्षा को बेहतर करने के लिए बनाई जानी थी।

 

ग्वादर बंदरगाह का संचालन का जिम्मा चीन को सौंपा जा चुका है। CPCE के तहत चीन से जुड़ा यह बंदरगाह मध्य एशिया और यूरोप के देशों को माल भेज रहा है। बलोच अलगाववादियों के आंदोलन चलते CPEC पर शुरू से खतरा मंडरा रहा है। बलूचिस्तान के गृह मंत्री जिया लांगो ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ग्वादर बंदरगाह के इर्द-गिर्द दीवार बनाने के कार्य को रोके जाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा काम रोकने का फैसला  स्थानीय लोगों  के कड़े विरोध के बाद किया गया।उन्होंने कहा कि ग्वादर के बारे में निर्णय लेने से स्थानीय लोगों को वंचित नहीं रखा जाएगा और स्थानीय लोगों को इस मुद्दे पर विश्वास में लेने के बाद फेंसिंग के बारे में निर्णय लिया जाएगा। 

 

 रिपोर्ट के अनुसार ग्वादर-लासबेला से नेशनल असेंबली के एक सदस्य मोहम्मद असलम भूतानी न फैसले पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि सुरक्षा के नाम पर ग्वादर में फेंसिंग लगाने से स्थानीय आबादी के मन में संदेह पैदा होगा।   पाकिस्तान के इस फैसले से चीन को झटका लगा है। उसे लग रहा है कि उसके निवेश की परियोजना को सुरक्षा देने में पाकिस्तान कोताही बरत रहा है। इससे सीपीईसी में उसका बड़ा निवेश खतरे में पड़ सकता है। उनमें कार्य करने वाले चीनी अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए खतरा बढ़ सकता है। उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे ज्यादा अशांत इलाका है। वहां पर अतिवादी अक्सर हमले करते रहते हैं और वहां की आबादी भी  CPEC की विरोधी है।

 


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Tanuja

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