कांगो में ज्वालामुखी फटने से तबाही; कम से कम 15 लोगों की मौत, 170 बच्चे लापता

punjabkesari.in Monday, May 24, 2021 - 09:49 AM (IST)

गोमा: पूर्वी कांगो में ज्वालामुखी फटने के बाद लावा बहकर यहां के गांवों में आ गया, जिसके कारण यहां 500 से ज्यादा मकान नष्ट हो गए तथा कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों तथा प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बताया कि कांगो के गोमा शहर के नजदीक स्थित ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो शनिवार को फट गया था, जिसके कारण करीब पांच हजार लोग गोमा शहर छोड़कर चले गए जबकि अन्य 25,000 ने उत्तर पश्चिम में साके शहर में शरण ली।

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इस प्राकृतिक आपदा के बाद से 170 से अधिक बच्चे लापता हैं। यूनिसेफ के अधिकारियों का कहना है कि वे ऐसे बच्चों की मदद के लिए शिविर लगा रहे हैं जो अकेले हैं, जिनके साथ कोई वयस्क नहीं है। यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 2002 में फटा था तब भी यहां भारी तबाही मची थी। सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी तथा 1,00,000 से अधिक लोग बेघर हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि इस बीच गोमा से निकलने की कोशिश के दौरान ट्रकों के बीच हुई टक्कर में कम से कम पांच अन्य लोग मारे गए। 

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 ज्वालामुखी  फटने   से पूरा आसमान लाल रंग का हो गया और लावा बहकर सड़कों पर आ गया। ज्वालामुखी फटने से शहर के लोग दहशत में आ गए और घरों से भागे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गोमा को एक अन्य प्रांत से जोड़ने वाले एक राजमार्ग पर लावा पड़ा है। 

 

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 संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन की ओर से ज्वालामुखी फटने के बाद की शहर की तस्वीर ट्वीट की गई। उसने कहा कि वह अपने विमानों के जरिए क्षेत्र पर नजर रख रहा है। कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के हिस्से के रूप में भारतीय सेना की टुकड़ी ने जान की बाजी लगा कर ज्वालामुखी प्रभावित गोमा टाउन में नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य कर्मियों को निकाला और सुरक्षा की सुविधा प्रदान की। 

 


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Content Writer

Tanuja

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