नवाज के दामाद की गिरफ्तारी से पाक राजनीति में भूचाल, सिंध पुलिस ने सेना के खिलाफ किया ''विद्रोह''

punjabkesari.in Wednesday, Oct 21, 2020 - 11:54 AM (IST)

इस्‍लामाबादः पाकिस्‍तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन सफदर की गिरफ्तारी से देश की राजनीति में भूचाल आ गया है। इस पूरे बवाल में पाकिस्‍तानी सेना केंद्र में है और इमरान खान सरकार का बचाव करना उसके लिए भारी पड़ रहा है। हालात इतने खराब हो गए कि सिंध प्रांत की पुलिस ने एक तरह से पाकिस्‍तानी सेना के बढ़ते हस्‍तक्षेप के खिलाफ 'विद्रोह' कर दिया। विपक्ष और मीडिया के चौतरफा दबाव के बाद पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को आनन-फानन में जांच के आदेश देने पड़े हैं।

पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची में 11 विपक्षी दलों के महागठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ (PDM) का 18 अक्टूबर को विशाल जलसा हुआ। मरियम नवाज ने रैली में प्रधानमंत्री इमरान खान को ‘कायर और कठपुतली’ करार दिया था तथा फौज के पीछे छिप जाने वाला बताया था। इससे पहले गुजरांवाला में हुई जनसभा में नवाज शरीफ ने भी सेना और इमरान खान पर जमकर हमला बोला था। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद मुहम्मद सफदर की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज किए जाने के बाद सिंध के पुलिस महकमे में नाराजगी है।

 

 इस घटना के विरोध में दो अतिरिक्त महानिरीक्षकों (एआइजी), सात उप महानिरीक्षकों (डीआइजी) और छह वरिष्ठ अधीक्षकों ने छुट्टी का आवेदन किया है। उन्होंने अपनी छुट्टी की एक जैसी दरख्वास्त सिंध के पुलिस महानिरीक्षक मुश्ताक महार को सौंप दी है। इन अधिकारियों का कहना है कि सफदर की गिरफ्तारी से उपजे दबाव के चलते उनका मनोबल गिर गया है और उनके लिए ड्यूटी निभाना मुश्किल हो गया है। बता दें कि मरियम ने प्रधानमंत्री इमरान खान को चुनौती दी थी कि उन्हें गिरफ्तार कराके दिखाएं और वह जेल जाने से नहीं डरतीं।

 

कराची के जलसे को संबोधित करने के बाद मरियम नवाज अपने पति के साथ होटल पहुंचीं। इस बीच रात को ही कराची पुलिस ने मरियम नवाज के पति कैप्टन (सेवानिवृत्त) मुहम्मद सफदर को अरेस्‍ट कर लिया। मरियम ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने कराची में होटल के उस कमरे का दरवाजा तोड़ दिया जिसमें मैं ठहरी हुयी थी और कैप्टन सफदर को गिरफ्तार कर लिया। उन पर पुलिस ने कथित रूप से कायद-ए-आजम की कब्र की पवित्रता की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया। हालांकि विपक्ष के चौतरफा दबाव और ठोस सबूत नहीं होने की वजह से पुलिस को उन्‍हें कुछ घंटे में रिहा भी करना पड़ा।


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Tanuja

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