PM इमरान को आऊट करने की तैयारी, सेना ने नवाज की सत्ता में वापसी के लिए बिछाया रेड कार्पेट !

punjabkesari.in Tuesday, Nov 16, 2021 - 06:21 PM (IST)

इस्लामाबादः  पाकिस्तान में सरकार और सेना  में चल रहे तनाव के बीच  पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की देश वापसी के संकेत मिले हैं जिससे प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ने के आसार हैं। सूत्रों ने बताया  कि शरीफ को बेहद जोर देकर कहा गया कि उनकी पाकिस्तान में जरूरत है इसलिए उन्हें जल्द वापस आना चाहिए। सेना और इमरान खान के बीच सत्ता संघर्ष के बीच नवाज की वापसी किसी भूचाल से कम नहीं होगी। अगर नवाज शऱीफ वापस लौट आते हैं तो पीएम इमरान को सत्ता से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। माना जा रहा है कि इमरान को आऊट करने के लिए सेना द्वारा नवाज  को पुनः सत्ता में एंट्री के लिए रेड कार्पेट बिछा कर स्वागत करने जैसा है। 

 

शरीफ को एवेनफील्ड संपत्तियां और अल-अजीजिया स्टील मिल्स को लेकर भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषी ठहराया गया था । इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिसंबर 2019 में उनके खिलाफ अन्य मामलों के संबंध में पेश होने में विफल रहने के बाद उन्हें घोषित अपराधी घोषित किया गया था। 2018 में पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने शरीफ को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के लिए 10 साल की जेल और एवेनफील्ड मामले की जांच में सहयोग नहीं करने के लिए एक साल की सजा सुनाई थी। उसी वर्ष, उन्हें अल-अज़ीज़िया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी।  सभी सजाएं साथ-साथ चलनी थीं। लेकिन नवाज शऱीफ नवंबर 2019 से लंदन में रह रहे हैं।

 

लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी लेकिन  स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर वह अभी भी वहीं रह रहे हैं। ‘द न्यूज इंटरनेशनल' ने एक खबर में कहा है कि गिलगित बाल्टिस्तान की शीर्ष अदालत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राणा एम शमीम ने एक नोटरीकृत हलफनामे में कहा है कि वह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अमीर फारूक को पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश निसार द्वारा दिए गए निर्देश के गवाह हैं। गिलगित बाल्टिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के हलफनामे के मुताबिक निर्देश दिया गया था कि नवाज शरीफ और मरियम नवाज शरीफ को आम चुनाव खत्म होने तक जेल में ही रखना चाहिए।

 

दस्तावेज के अनुसार शमीम का बयान 10 नवंबर को शपथ आयुक्त के समक्ष हलफनामे के तहत दिया गया था। हलफनामे पर गिलगित बाल्टिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के हस्ताक्षर के साथ-साथ उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र की एक तस्वीर भी शामिल है। सूत्रों ने  बताया कि इमरान खान के सामने दो विकल्प पेश किए गए हैं कि वह या तो 20 नवंबर से पहले खुद इस्तीफा दे दें, या विपक्ष संसद में इन-हाउस बदलाव लाए। दोनों ही मामलों में, इमरान खान जा रहे हैं, सूत्रों ने कहा कि आने वाले सप्ताह में, सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ अपने राजनीतिक सहयोगियों मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-क्यू) को खो देगा।

 


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Content Writer

Tanuja

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