पैगंबर कार्टून विवादः पाकिस्तान में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के विरोध में हिंसक प्रदर्शन
punjabkesari.in Tuesday, Nov 17, 2020 - 01:30 PM (IST)
इस्लामाबादः पाकिस्तान में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के खिलाफ फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के विरोध में तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) के हज़ारों समर्थक रावलपिंडी की सड़कों पर उतर आए । उनका विरोध इस मुद्दे पर था कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के अधिकार का बचाव किया था। खादिम हुसैन रिज़वी ने फ्रांस में हुई ईशनिंदा का विरोध करने के लिए प्रदर्शन आयोजित किया था, जिसके बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे थे। 15 नवंबर 2020 को शुरू हुआ प्रदर्शन सोमवा 16 नवंबर तक जारी रहा। इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई नारे भी लगाए गए। “गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सज़ा, सिर तन से जुदा सिर तन से जुदा।”
Protest rally of Tehrik-e-Labbaik against France in Rawalpindi today: pic.twitter.com/8XLLjgbdDJ
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) November 15, 2020
सोमवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच टकराव भी हो गया। पाकिस्तानी Dawn की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शन के दौरानबड़ी मात्रा में आँसू गैस के गोले छोड़े गए थे, जिससे वहाँ के स्थानीय लोग बुरी तरह प्रभावित हुए थे और बहुत से लोगों को साँस लेने में परेशानी होने लगी थी।” TLP से संबंधित दर्जनों प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान घायल हुए थे, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रदर्शन और टकराव के तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर काफी सुर्ख़ियों में बने हुए थे। हालांकि मंगलवार को यह विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया गया है।
TLP ने इस कार्रवाई को पैगंबर मोहम्मद के चाहने वालों पर पूरे इतिहास का सबसे घटिया और भीषण अत्याचार बताया है। TLP ने इस तरह के तमाम वीडियो में जारी किए हैं जिसमें प्रदर्शनकारी कह रहे हैं कि इमरान खान की ‘बदमाश’ सरकार कलमा पढ़ने वाली पुलिस का इस्मेताल रावलपिंडी के कलमा पढ़ने वाले लोगों पर कर रही है। जबकि श्रीनगर और कश्मीर के मुस्लिम इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि यही ताकतें उनका बचाव करेंगी।
ناموس رسالت مارچ
— Tehreek Labbaik Pakistan (@MarkazTLP) November 16, 2020
عاشقان رسول ﷺ پر بدترین اور تاریخ کی بدترین شیلنگ#WorstShellingOnTLPmarch pic.twitter.com/EQwTQCO5yz
यह बात भी सामने आ गई है कि पाकिस्तानी सेना हिंदुओं से नहीं लड़ रही है बल्कि नमाज पढ़ने वालों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है। वीडियो में बात करने वाले व्यक्ति को कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘ईशनिंदा की एक ही सज़ा हो सकती है, सिर को शरीर से अलग कर दिया जाए।’ प्रदर्शनकारियों की माँग के अनुसार पाकिस्तान में स्थित फ्रांस का दूतावास बंद कर देना चाहिए और फ्रांस से तमाम कूटनीतिक रिश्ते ख़त्म कर दिए जाने चाहिए। प्रदर्शनकारी फैजाबाद (इंटरचेंज) पहुँचने का प्रयास कर रहे हैं जो रावलपिंडी और इस्लामाबाद को जोड़ता है। इसके अलावा प्रदर्शनकारी इसे बंद करने की योजना भी बना रहे हैं।
جن بندوقوں کا رخ فرانس کے گستاخوں کی جانب ہونا چاہئیے ہے حکومت الٹا اپنی عوام پر اس کا استعمال کر رہی ہے تمام مسلمانوں کے لمحہ لمحہ فکریہ تمام غیور مسلمان جلد از جلد فیض آباد پہنچیں اور اپنے نبی سے وفاداری کا ثبوت دیں#WorstShellingOnTLPmarch pic.twitter.com/z7vbyyFQer
— TLP Punjab (@TLPPunjabMarkaz) November 16, 2020