अमेरिका में मौतों पर उठा बड़ा सवालः कोरोना से ज्यादातर क्यों मर रहे अफ्रीकन-अमेरिकन ?

punjabkesari.in Wednesday, Apr 08, 2020 - 05:15 PM (IST)

वाशिंगटनः कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को चपेट मे ले रखा है। यह किलर वायरस किसी धर्म, जाति या भेद करके इंसानों पर हमला नहीं कर रहा लेकिन इसके बावजूद अमेरिका में इससे हुई मौतों पर एक सवाल जरूर खड़ा हो रहा है कि इससे मरने वालों में ज्‍यादातर अफ्रीकन-अमेरिकन ही क्‍यों हैं? ये सवाल अपने आप में बेहद चौंकाने वाला है लेकिन जानकारों के पास इसका जो जवाब है वो इससे भी अधिक हैरान और परेशान करने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीकन अमेरिकन की माली हालत बेहद खराब है। इसके अलावा इनके साथ स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के नाम पर भेदभाव किया जाता है।

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इतना ही नहीं यदि कोई व्‍यक्ति अपनी जॉब को दौरान छुट्टी पर चला जाता है तो उन्‍हें दोबारा काम पर नहीं रखा जाता है। देश के टॉप सर्जन जरनल जेरोम एडम मानते हैं कि ये लोग ज्‍यादातर डाइबिटीज, फेंफडों और दिल की बीमारी के शिकार होते हैं। उनके मुताबिक इन बीमारियों का भी ताल्‍लुक इनकी गरीबी और इनके साथ होने वाले भेदभाव से ही है। एडम खुद अफ्रीकन हैं और ब्‍लड प्रेशन और अस्‍थमा से पीडि़त हैं। उनका मानना है कि वो अमेरिका में रह रहे गरीब और काले लोगों की बढ़ती विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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वो ये भी मानते हैं कि वो खुद और दूसरे अफ्रीकन अमेरिकन को कोरोना से सबसे अधिक खतरा है। उनके मुताबिक अब तक इस बात की पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्‍ध नहीं हैं लेकिन कोरोना की वजह से जितनी मौतें अब तक हुई हैं उनमें अफ्रीकन अमेरिकन अधिक हैं। उनके मुताबिक शिकागो में मरने वालों में करीब 68 फीसद अफ्रीकन अमेरिकन हैं। ये अफ्रीकन अमेरिकन इस शहर की आबादी का करीब 30 फीसदी हैं।


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Tanuja

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