नार्वे में अफगानों ने तालिबान प्रतिनिधिमंडल के दौरे का किया विरोध

punjabkesari.in Tuesday, Jan 25, 2022 - 04:22 PM (IST)

ओस्लो: नॉर्वे में तालिबान प्रतिनिधिमंडल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के बीच चल रही बातचीत के बीच ओस्लो में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में नॉर्वे में स्थित अफगानों ने राजधानी ओस्लो की यात्रा पर आए तालिबान प्रतिनिधिमंडल के खिलाफ रविवार को विदेश मंत्रालय के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया । इस दौरान दर्जनों पुरुषों और महिलाओं ने  अफगान झंडे और तख्तियां उठा रखी थीं जिन पर लिखा था, "फ्री आलिया अज़ीज़ी" और तालिबान को मत मान्यता दो। उनके हाथ खून से रंगे है।"

 

एक पोस्टर में आलिया अज़ीज़ी को एक हज़ारा महिला और एक पूर्व सैन्य अधिकारी के रूप में परिभाषित किया गया है। वह हेरात प्रांत में महिला जेल की प्रमुख थीं, जिन्हें तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता में आने के दो महीने बाद हिरासत में लिया था और गिरफ्तार कर लिया था। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र से अफगानिस्तान की वास्तविकताओं के प्रति "जागने" का भी आग्रह किया। उन्होंने "संयुक्त राष्ट्र, जागो, जागो, तालिबान को नहीं" के नारे लगाए।  नॉर्वे ने तालिबान के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए 23 से 25 जनवरी तक ओस्लो आने का न्यौता दिया था।

 

खामा प्रेस के अनुसार तालिबान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उनके विदेश मंत्री अमीर खान मोटाकी कर रहे हैं, जो शनिवार को ओस्लो पहुंचे और उन्हें नॉर्वे के अधिकारियों के साथ-साथ फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के विशेष प्रतिनिधियों से मिले। पिछले साल अगस्त के मध्य में सत्ता में लौटने के बाद यह उनकी पहली यूरोप यात्रा है। तालिबान के काबुल पर अधिकार करने के बाद से अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति काफी खराब हो गई है।
विदेशी सहायता के निलंबन, अफगान सरकार की संपत्ति को फ्रीज करने और तालिबान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के संयोजन ने देश को पहले से ही उच्च गरीबी के स्तर से पीड़ित एक पूर्ण आर्थिक संकट में डाल दिया है।  
 


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Content Writer

Tanuja

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