अफगानिस्तान में अब LGBT कम्युनिटी पर तालिबान ढा रहा कहर, जान बचाना मुश्किल

punjabkesari.in Thursday, Jan 27, 2022 - 03:12 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात दिन-ब-दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है। यहां न केवल महिलाओं बल्कि LGBT समुदाय के लोगों को भी अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान सरकार से LGBT समुदाय खौफजदा है। यहां तक की उनका परिवार भी उनके खिलाफ हो गया है। ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने एक नई रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान में एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों को तालिबान में अपनी सुरक्षा और जीवन के लिए गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

 

LGBT अफगानों के साथ 60 साक्षात्कारों पर आधारित 43 पन्नों की एक रिपोर्ट ने खुलासा गया किया कि कैसे तालिबान सदस्यों ने उनकी पहचान कर उनपर हमला किया या उन्हें धमकी दी गई। HRW और आउटराइट एक्शन इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तालिबान का समर्थन करने वाले कई लोगों ने समुदाय के परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों को अगाह किया कि उन्हें अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने करीबी LGBT लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
वरिष्ठ फेलो जे. लेस्टर फेडर ने कहा, "हमने LGBT अफगानों के साथ बात की जो सामूहिक बलात्कार, भीड़ के हमलों से बच गए हैं, उन्हें कोई उम्मीद नहीं है कि राज्य संस्थान उनकी रक्षा करेंगे।

 

HRW ने कहा कि अधिकांश साक्षात्कारकर्ता अफगानिस्तान में थे, जबकि अन्य पास के देशों में भाग गए थे। समान-लिंग संबंधों के खिलाफ इन देशों के कानूनों के बारे में चिंता करने के अलावा, अफगानिस्तान के बाहर साक्षात्कारकर्ताओं के पास उचित आव्रजन स्थिति का अभाव था, इसलिए उन्हें सरसरी तौर पर निर्वासित किए जाने का खतरा था। वहीं, न्यूयॉर्क स्थित समूह ने कहा कि 15 अगस्त 2021 को तालिबान द्वारा देश पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने से पहले अफगानिस्तान एलजीबीटी लोगों के लिए एक खतरनाक जगह थी।तालिबान की सत्ता में वापसी से पह  लोगों ने अपनी पहचान के कारण कई दुर्व्यवहारों का अनुभव किया था, जिसमें यौन हिंसा, जबरन विवाह, उनके परिवारों और अन्य लोगों से शारीरिक हिंसा, स्कूलों से निष्कासन, ब्लैकमेल जैसी चीजें शामिल है।


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Content Writer

Tanuja

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