तालिबान कब्जे के बाद अफगानिस्तान में आर्थिक बदहाली बढ़ी

punjabkesari.in Saturday, Dec 04, 2021 - 03:32 PM (IST)

काबुल: इस साल अगस्त में तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अफगानिस्तान आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है और उसका वित्तीय संकट और बढ़ गया है। इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी के अनुसार  तालिबान के अधिग्रहण से अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है। अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि और सेवा क्षेत्र से निर्भर है और दोनों में पहले से गिरावट देखी जा रही  है।  देश में बढ़ती असुरक्षा और व्यापक सूखे के कारण कृषि रोजगार  सबसे  अधिक प्रभावित हुआ  है।

 

इससे पहले विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने अफगानिस्तान में उभरती खाद्य असुरक्षा की चेतावनी दी है  जिससे लगभग 14 मिलियन लोग प्रभावित होंगे। इसके अलावा  दस में से नौ अफगान परिवार पहले से ही पर्याप्त खाद्य भंडार प्राप्त करने में असमर्थ हैं और 10 लाख से अधिक बच्चे कुपोषण का सामना कर सकते हैं और यहां तक ​​कि पूरी आबादी में खसरा और पोलियो जैसी बीमारियों के फैलने के डर के के अलावा भुखमरी से मौत भी हो सकती है।

 

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी के अनुसार दक्षिणी कंधार प्रांत के क्षेत्रीय अस्पताल में कुपोषण वार्ड में 70 से अधिक बच्चे अपनी क्षमता से अधिक भर्ती हैं। इसके अलावा अमेरिकी दबाव में  देश की स्वास्थ्य प्रणाली में बड़े पैमाने पर योगदान पर प्रतिबंध लगाए जाने के साथ विश्व बैंक ने फंडिंग में $ 600 मिलियन की कटौती की है जिससे अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इसके चलते COVID रोगियों के लिए नामित 2000 अस्पतालों और क्लीनिकों को धन की कमी के कारण पूरे अफगानिस्तान में बंद करने के लिए मजबूर किया गया है। 


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Content Writer

Tanuja

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