अमेरिकी सेना ने फिर तालिबान ठिकानों पर बरसाए बम, 375 आतंकी ढेर, अफगान बलों ने मारे 77 तालिबानी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 04, 2021 - 01:56 PM (IST)

काबुल: अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच सुरक्षा बलों व तालिबान के बीच संघर्ष तेज हो गया है। तालिबान ने प्रांतीय राजधानियों पर कब्जे को लेकर हिंसा बढ़ा दी है जिसका सेना द्वारा कड़ा जवाब भी दिया जा रहा है।  इस बीच हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में घुस रहे तालिबान आतंकियों को रोकने के लिए अमेरिका ने यहां जमकर बम बरसाए। अमेरिकी सेना ने ऐसे सभी तालिबान ठिकानों को निशाना बनाया  जहां वे शहरों में घुसने का प्रयास कर रहे हैं। इधर अफगान सेना ने भी अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। सैकड़ों तालिबान आतंकियों को मार गिराने का सरकार ने दावा किया है।

 

अफगान सरकार के अनुसार सेना ने आतंकियों के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखते हुए कई स्थानों पर बढ़त बनाई है। सेना ने पिछले 24 घंटे में 375 तालिबान आतंकियों को मार दिया और 193 आतंकी घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों का यह आपरेशन कंधार, हेरात, हेलमंद, जौजान, बल्ख, उरुजगन, कपिसा आदि प्रांतों में चला।लश्कर गाह में तालिबान आतंकियों के घुसने से पहले अमेरिका ने कई हवाई हमले किए। यहां 40 आतंकी हवाई हमलों में ढेर हो गए। अमेरिका ने ऐसे सभी स्थानों पर बम बरसाए, जहां तालिबान आतंकी अफगान सेना पर हावी होने का प्रयास कर रहे थे।

 

हवाई हमलों और जमीन पर हो रही लड़ाई में हेलमंद की राजधानी लश्कर गाह सहित अन्य स्थानों पर हो रहे संघर्ष में 77 से ज्यादा आतंकी मारे गए व 22 घायल हुए हैं। मरने वालों में तालिबान के तीन शीर्ष आतंकी भी हैं। कंधार में भी भीषण संघर्ष चल रहा है। यहां आतंकियों ने 15 नागरिकों की हत्या कर दी, 120 से ज्यादा घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने ट्वीट कर नागरिकों की हत्या के बारे में जानकारी देने के साथ ही कहा है कि हिंसा के कारण हजारों नागरिकों का पलायन हो रहा है। पिछले तीन दिनों में लश्कर गाह में 10, कंधार में 5 नागरिक मारे गए हैं। हेरात में भी तीन नागरिकों की मौत हो गई है। हेरात शहर में पिछले छह दिनों से संघर्ष चल रहा है।


इस बीच  संयुक्त राष्ट्र के अफगानिस्तान में राजदूत रहे काई आइड और तदामिची यामामोटो ने कहा है कि मौजूदा स्थिति में संयुक्त राष्ट्र को युद्ध रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। यही वह समय है, जब अफगान नागरिकों को तबाही से बचाया जा सकता है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल बैठक बुलानी चाहिए।


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Content Writer

Tanuja

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