अफगानिस्तान में गरीबी से तंग लोग तेजाब पीकर दे रहे जान, पिछले साल 347 ने की आत्महत्या की कोशिश

punjabkesari.in Monday, May 08, 2023 - 11:48 AM (IST)

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से लोग मौत को अपनी मुसीबतों से ज्यादा आसान समझते हैं। पिछले साल अफगानिस्तान के 9 अलग-अलग प्रांतों में गरीबी से तंग कम से कम 347 लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया। इसके पीछे अन्य   पारिवारिक हिंसा, बेरोजगारी और स्वतंत्रता की कमी भी प्रमुख कारण थे। हालांकि अफगानिस्तान में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की खुदकुशी के मामले ज्यादा हैं। आत्महत्या का प्रयास करने वाले कम से कम 60 लोगों की जान चली गई।मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अफगानिस्तान में आत्महत्या के कई कारण होते हैं, जैसे- आर्थिक तंगी और पारिवारिक हिंसा।

 

मनोवैज्ञानिक कदीर बरन ने टोलो न्यूज के हवाले से कहा, 'आत्महत्या का प्रयास मुख्य रूप से पारिवारिक हिंसा, गरीबी, अशिक्षा, बेघर, बेरोजगारी और अनिश्चित भविष्य के कारण किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल लगभग 8,00,000 लोग दुनियाभर में खुदकुशी की कोशिश करते हैं।टोलो न्यूज की खबर के अनुसार आत्महत्या के 251 प्रयासों के रिकॉर्ड के साथ बदख्शां प्रांत लिस्ट में सबसे ऊपर है।

 

टोलो न्यूज ने बदख्शां में एक 20 साल की महिला से संपर्क किया जिसने खुदकुशी की कोशिश की थी लेकिन समय पर अस्पताल ले जाने के बाद उसकी जान बच गई। महिला के परिजनों ने कहा कि गरीबी से तंग आने के बाद उसने आत्महत्या का प्रयास किया। महिला के भाई ने बताया, 'उसने आत्महत्या करने के लिए तेजाब पी लिया था।' प्रांतीय अस्पताल के प्रमुख होम्यायुन फ्रूटन ने कहा, 'हमने आत्महत्या के 250 प्रयास दर्ज किए हैं। इनमें 188 महिलाएं और 62 पुरुष हैं।' इसके अलावा घोर में 14, खोस्त में 11, सर-ए-पुल में 7, नांगरहार में 5, मैदान वारदक में 5, बामियान में 3, उरोजगान में 2 और कपिसा में 1 व्यक्ति ने आत्महत्या का प्रयास किया है।

 


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Content Writer

Tanuja

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