ईराक में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन में 28 लोगों की मौत

punjabkesari.in Friday, Oct 04, 2019 - 12:51 AM (IST)

बगदाद: इराक में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ लगातार तीन दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में गुरुवार को मृतक संख्या बढ़कर 28 हो गई। बिना किसी नेतृत्व के शुरू इन प्रदर्शनों का दक्षिण इराक में अधिक असर है। गोली और आंसू गैस के गोले दागने और स्थानीय स्तर पर कर्फ्यू के बावजूद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे जो प्रधानमंत्री आदेल अब्देल मेहदी के लिए बड़ी चुनौती है। बगदाद में शाम घिरते ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी तेल एवं उद्योग मंत्रालय के आस पास जमा हो गए और उन्होंने तहरीक चौक की ओर बढ़ने का संकल्प लिया। 

22 साल के एक बेरोजगार छात्र ने कहा,‘जब तक सरकार गिर नहीं जाती हम यह जारी रखेंगे।' अधिकतर प्रदर्शनकारियों ने ईराकी झंडे ले रखे थे। और कुछ ने ऐेसे झंडे लिए हुए थे जिनमें पैगंबर मोहम्मद के नवासे हुसैन का नाम लिखा हुआ था। प्रदर्शनों से परेशान प्रधानमंत्री ने राजधानी बगदाद में सुबह पांच बजे से लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी इसके बावजूद लोग मशहूर तहरीर चौक पर जमा हुए। पुलिस द्वारा भीड़ को तितर-बितर करने से पहले एक प्रदर्शनकारी ने एएफपी को बताया,‘ हम यहीं सो रहे हैं ताकि पुलिस इस स्थान पर कब्जा नहीं करें।' 

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को बगदाद में प्रदर्शन की शुरुआत की थी जो जल्द ही दक्षिण इराक के शिया बहुल शहरों में फैल गया। इनमें सबसे अधिक मौतें दक्षिण शहर नासिरियाह में हुई हैं। गुरुवार को छह लोगों को गोली मार दी गई और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। सुरक्षा और चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि दक्षिण इराक के अमारा शहर में चार प्रदर्शनकारियों की गोली लगने से मौत हो गई जबकि ज़ी कर प्रांत में एक अन्य प्रदर्शनकारी मारा गया। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही तीन दिन से जारी प्रदर्शन में दो पुलिस अधिकारी सहित 28 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक हजार से अधिक प्रदर्शनकारी एवं सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।

तनाव के बीच तेजतर्रार धार्मिक नेता मुक्तदा अल सदर की ओर से आम हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर बगदाद में इंटरनेट और सरकारी कार्यालयों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। इस बीच सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को सूर्योदय से पहले दो धमाके ग्रीन जोन में हुए जहां पर कई मंत्रालय और दूतावास हैं। पिछले हफ्ते भी दो रॉकेट यहां दागे गए थे।


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shukdev

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