हरियाणा में अब 40 लाख रुपए में बनेंगे सरकारी डाक्टर

punjabkesari.in Sunday, Nov 08, 2020 - 12:26 AM (IST)

चंडीगढ़, (पांडेय): हरियाणा के सरकारी मैडीकल कालेजों से महज 3 लाख रुपए से कम फीस में एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई करके डाक्टर बनने वाले युवाओं को अब 40 लाख रुपए की फीस अदा करनी पड़ेगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनिल विज के विरोध के बाद भी सरकार ने मौजूदा सत्र से बढ़ी हुई फीसों की नोटिफिकेशन जारी कर दी है। जिसमें 53 हजार वाॢषक फीस को बढ़ाकर 80 हजार रुपए किया गया है जबकि 9 लाख 20 हजार रुपए का लोन दिया जाएगा।

 

लोन की रकम 7 वर्षों में चुकानी होगी। लोन की प्रक्रिया बैंक की ओर से की जाएगी लेकिन एम.बी.बी.एस. पूरी करने के बाद डाक्टर को करीब अढ़ाई वर्षों तक हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में नौकरी करनी पड़ेगी। नौकरी के दौरान डाक्टरों के वेतन से लोन की किस्त भरी जाएगी। यदि कोई अभिभावक खुद से अपने बच्चे की 10 लाख रुपए वाॢषक फीस भरना चाहता है तो उसे नौकरी की शर्त से अलग हटना पड़ेगा।

 


हरियाणा चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन में एम.बी.बी.एस. व पी.जी. की नई फीसें निर्धारित की गई है। जिसमें एम.बी.बी.एस. के पहले वर्ष की फीस 80 हजार रुपए और 9 लाख 20 हजार रुपए लोन के रूप में देना होगा। दूसरे वर्ष वर्ष में सरकारी फीस 88 हजार रुपए और लोन के तौर पर 9 लाख 12 हजार रुपए, तीसरे वर्ष में 96 हजार 800 रुपए और 9 लाख 3 हजार 200 रुपए तथा आखिरी और चौथे वर्ष में 1 लाख 6 हजार 480 रुपए और लोन के तौर पर 8 लाख 93 हजार 520 रुपए देना होगा। मसलन एम.बी.बी.एस. के पूरे कोर्स में कुल 3 लाख 71 हजार 280 रुपए सरकारी फीस तथा लोन के तौर पर 36 लाख 28 हजार 720 रुपए देना होगा। वहीं एन.आर.आई. सीट पर 1 लाख 25 हजार यू.एस. डॉलर फीस के तौर देना होगा। जबकि पी.जी. की फीस में बढ़ोत्तरी कर अब 1 लाख 25 हजार रुपए पहले वर्ष, 1 लाख 50 हजार दूसरे वर्ष तथा 1 लाख 75 हजार रुपए आखिरी वर्ष के लिए तय की गई है।


फीस बढ़ाने के विरोध में थे विज, फाइल पर लिखा सख्त कमैंट्स
सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो मैडीकल की फीस बढ़ाने के प्रस्ताव की फाइल जब चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनिल विज के पास आई तो उन्होंने इस पर सख्त ऐतराज जताते हुए तीखा कमैंट लिखा लेकिन सरकार के स्तर पर मंत्री की परवाह न करते हुए उसका नोटिफिकेशन कर दिया गया। विज ने कहा वह सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की कमी पूरा करने की इस प्रक्रिया के पक्ष में नहीं थे। जिसको लेकर उन्होंने अपनी बात फाइल पर लिख दी थी।


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Vikash thakur

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