चंदा के ‘दुरुपयोग’ का मामला : उच्च न्यायालय ने टीएमसी नेता गोखले को जमानत देने से इनकार किया
punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2023 - 08:14 PM (IST)
अहमदाबाद, 23 जनवरी (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने चंदा के जरिए एकत्रित धन के कथित दुरुपयोग से जुड़े मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले को नियमित जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति समीर दवे ने आरोपपत्र दाखिल होने के बाद ही गोखले को अदालत का रुख करने को कहा। न्यायमूर्ति दवे ने कहा, ‘‘हम आरोपपत्र दाखिल होने के बाद ही याचिका पर विचार करेंगे।’’
अहमदाबाद में एक सत्र अदालत और मजिस्ट्रेट की अदालत ने गोखले की गिरफ्तारी और हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद टीएमसी नेता ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। वह पांच जनवरी से न्यायिक हिरासत में हैं और अहमदाबाद की एक जेल में बंद हैं।
टीएमसी नेता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता असीम पांड्या ने यह कहते हुए राहत का अनुरोध किया कि गोखले को जमानत नहीं मिले यह सुनिश्चित करने के लिए जालसाजी सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कठोर धाराओं को जानबूझकर लगाया गया है।
गोखले को अहमदाबाद साइबर अपराध शाखा ने 30 दिसंबर, 2022 को चंदा के माध्यम से एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उन पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इससे पूर्व, गोखले को 6 दिसंबर को साइबर अपराध शाखा ने एक पुल टूटने की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर हुए खर्च के बारे में कथित रूप से फर्जी खबर फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति समीर दवे ने आरोपपत्र दाखिल होने के बाद ही गोखले को अदालत का रुख करने को कहा। न्यायमूर्ति दवे ने कहा, ‘‘हम आरोपपत्र दाखिल होने के बाद ही याचिका पर विचार करेंगे।’’
अहमदाबाद में एक सत्र अदालत और मजिस्ट्रेट की अदालत ने गोखले की गिरफ्तारी और हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद टीएमसी नेता ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। वह पांच जनवरी से न्यायिक हिरासत में हैं और अहमदाबाद की एक जेल में बंद हैं।
टीएमसी नेता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता असीम पांड्या ने यह कहते हुए राहत का अनुरोध किया कि गोखले को जमानत नहीं मिले यह सुनिश्चित करने के लिए जालसाजी सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कठोर धाराओं को जानबूझकर लगाया गया है।
गोखले को अहमदाबाद साइबर अपराध शाखा ने 30 दिसंबर, 2022 को चंदा के माध्यम से एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उन पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इससे पूर्व, गोखले को 6 दिसंबर को साइबर अपराध शाखा ने एक पुल टूटने की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर हुए खर्च के बारे में कथित रूप से फर्जी खबर फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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