साबरमती आश्रम के निवासियों के लिए इस परिसर में ये आखिरी गांधी जयंती हो सकती है

punjabkesari.in Saturday, Oct 02, 2021 - 10:16 PM (IST)

अहमदाबाद, दो अक्टूबर (भाषा) गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम के निवासी 59 वर्षीय हेमंत चौहान के लिए इस परिसर से जाने से पहले उनका ये आखिरी गांधी जयंती उत्सव हो सकता है।

महात्मा द्वारा स्थापित इस आश्रम के आसपास दशकों से रहने वाले लगभग 250 परिवार कहीं और स्थानांतरित होने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने 55 एकड़ के परिसर के पुनर्विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है।

इनमें से कई परिवारों का आश्रम से उस वक्त का जुड़ाव है जब महात्मा गांधी खुद यहां रहते थे। दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद महात्मा गांधी ने 25 मई 1915 को अहमदाबाद के कोचरब इलाके में अपने पहले आश्रम की स्थापना की थी। बाद में 17 जून 1917 को इस आश्रम को साबरमती नदी के पास स्थानांतरित किया गया।

इस साल अगस्त में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, राजमोहन गांधी, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए पी शाह समेत 130 से अधिक प्रमुख हस्तियों ने इस पुनर्विकास परियोजना के विरोध में एक बयान जारी किया था।

हालांकि, चौहान जैसे निवासी सरकार के मुआवजा पैकेज से खुश हैं। 73 वर्षीय महेंद्र व्यास ने कहा कि आश्रम परिसर से उनके घर को खाली कराया जाना सही निर्णय था जहां उन्होंने अपना पूरा जीवन बिताया। उन्होंने कहा कि वह और अन्य कई लोग पहले ही अपने नए अपार्टमेंट का कब्जा ले चुके हैं।

व्यास का मानना है कि अपनी पसंद का घर लेने के लिए 60 लाख रुपये या पांच लाख रुपये नकद के साथ ही सरकारी योजना के तहत चार बीएचके फ्लैट लेने की सरकार द्वारा की गई पेशकश काफी अच्छी है।

वहीं, चौहान जैसे कई लोग जोकि इस क्षेत्र से लगाव के कारण कहीं दूर जाकर नहीं बसना चाहते, उनके लिए सरकार ने आसपास ही इमारत के निर्माण की पेशकश की है।



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PTI News Agency

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