धर्मांतरण रोधी कानून के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की याचिका का गुजरात सरकार ने किया विरोध
punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 01:12 AM (IST)
अहमदाबाद, 20 सितंबर (भाषा) गुजरात सरकार ने सोमवार को उच्च न्यायालय में उस याचिका का विरोध किया जिसमें एक महिला की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
महिला ने शिकायत में कहा था कि पुलिस ने उसके पति को नए धर्मांतरण रोधी कानून के तहत फंसाया जबकि मामला घरेलू विवाद से संबंधित था। लोक अभियोजक मितेश अमीन ने कहा कि सरकार ने गुजरात उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021 के तहत प्राथमिकी को रद्द करने का विरोध किया गया है।
सरकार ने हलफनामे में कहा है कि वडोदरा की गोर्ती पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में वही विवरण दर्ज हैं जो याचिकाकर्ता ने चिकित्सक को बताया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
महिला ने शिकायत में कहा था कि पुलिस ने उसके पति को नए धर्मांतरण रोधी कानून के तहत फंसाया जबकि मामला घरेलू विवाद से संबंधित था। लोक अभियोजक मितेश अमीन ने कहा कि सरकार ने गुजरात उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021 के तहत प्राथमिकी को रद्द करने का विरोध किया गया है।
सरकार ने हलफनामे में कहा है कि वडोदरा की गोर्ती पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में वही विवरण दर्ज हैं जो याचिकाकर्ता ने चिकित्सक को बताया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर जयशंकर ने दिया कड़ा जवाब , कहा- भारत में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
आज जिनका जन्मदिन है, जानें कैसा रहेगा आने वाला साल