लेखक अंशुमन भगत के उपन्यास ''एक सफर में'' हैं फिल्मी दुनिया की कई अनकही बातें

punjabkesari.in Tuesday, Mar 08, 2022 - 01:30 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। युवा लेखक अंशुमन भगत का हाल ही में प्रकाशित उपन्यास "एक सफर में" फिल्मी दुनिया की कई अनकही बातों को बयां किया गया है। अब आपके मन में एक सवाल होगा कि आखिर इस किताब में ऐसी क्या बातें हैं? जिसे फिल्मी दुनिया में हमेशा से पर्दे के पीछे ही रखा गया है और इस बात से अब तक बहुत कम लोग ही वाकिफ हैं। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सपनों की नगरी मुंबई को मायानगरी के नाम से जाना जाता है, जहां देश भर से बड़ी संख्या में कलाकार न जाने वहां किन किन परिस्थितियों में जाते हैं। एक कलाकार का मक़सद फिल्मी दुनिया में आकर अपने सपनों को पूरा करना होता है और वैसे कलाकार अपनी प्रतिभा के दम पर नाम और शोहरत कमाने की उम्मीद लेकर इस इंडस्ट्री में कदम रखते हैं। किंतु कुछ कारणों की वजह से वह अपने सपनों से दूर होते चले जाते हैं और ऐसा तब होता है जब सही ज्ञान का अभाव हो या तो सही ज्ञान होने के बावजूद भी वे किसी गलत व्यक्ति की संगति में पड़कर बुरी चीजों की आदत में पड़ जाते हैं। इस इंडस्ट्री में ऐसे लोग भी हैं जो आपसे मीठी-मीठी बातें करके आपसे पैसे की ठगी कर लेते हैं और आपको इस बात की खबर कानो कान नहीं लगती। आपने यह तो सुना ही होगा कि मुंबई में राह चलते भी फिल्मों की शूटिंग हो जाती है। क्यों कि मुंबई जैसे बड़े शहर में सड़कों पर चलने वाले मुसाफिर भी खुद को डायरेक्टर या कास्टिंग डायरेक्टर बता कर नए कलाकारों से टीवी सीरियल्स तथा फिल्मों में काम दिलाने के नाम पर पैसों की मांग करते हैं। मुंबई में ऐसे लोगों की वजह से भटकाव और गलत फैसलों के कारण कलाकार कई तरह की परेशानियों में पड़ जाते हैं, जिसका उन्हें बाद में पछतावा होता है, इसके अलावा कास्टिंग काउच जिस में फस कर कई कलाकार अपने सपनों से हाथ धो बैठते हैं। इंडस्ट्री में ऐसे असामाजिक लोग कास्टिंग काउच को लेकर बड़े-बड़े प्रोडक्शन हाउस में भी बैठे हैं। जिनका कला से कोई लेना-देना नहीं है, वे सिर्फ अपनी वासना और शारीरिक भूख को पूरा करने के लिए कलाकारों को निशाना बनाते हैं। कुछ एजेंसियों में नई और मध्यम वर्ग की लड़कियों को भी समझौता करने के लिए उकसाया जाता है, ऐसे लोग आसानी से नए कलाकारों को अपने जाल में फंसा लेते हैं क्योंकि उन्हें बताने वाला कोई नहीं होता, इन्हीं कारणों से मुंबई फिल्म उद्योग का नाम खराब होता है। 

युवा लेखक अंशुमन भगत ने अपने अनुभव को विस्तार से पुस्तक के माध्यम से लोगों के सामने रखा है, ताकि एक कलाकार के जीवन में प्रेरणात्मक भाव और खुद के प्रति आत्मविश्वास हो, इसी उद्देश्य से लेखक अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat) ने यह पुस्तक लिखी है।


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Content Writer

Deepender Thakur

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