नेत्रहीन होने पर भी पहली बार में पास किया IAS एग्जाम, जानें सफलता का राज

punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2020 - 09:14 AM (IST)

नई दिल्ली: हर कोई चाहता है कि एग्‍जाम में सफलता मिले, लेकिन कामयाबी तो उसी को मिलती है जो इस राह में आने वाली चुनौतियों से हार नहीं मानता बल्‍कि इनसे लड़कर अपना रास्‍ता बना लेता है। ऐसा ही कर दिखाया है 23 साल की उम्र में तपस्वनी ने। बता दें कि तपस्वनी देख नहीं सकती हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा कर दिखाया जिसका सपना आंखों से सक्षम लोग भी देखते हैं। 

PunjabKesari

2018 में 161 रैंक की हासिल 
तपस्वनी ने ओडिशा सिविल सर्विस परीक्षा 2018 में 161 रैंक हासिल की है। वह जनरल उम्मीदवार के तौर पर परीक्षा में बैठी थी। ओडिशा में ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब किसी दिव्यांग उम्मीदवार ने सिविल सर्विस परीक्षा पास की हो। 2017 में ओडिशा पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा में 8 दिव्यांग उम्मीदवारों ने सफल उम्मीदवारों की लिस्ट में अपनी जगह बनाई थी।

Image result for OPSC

डॉक्टरों की लापरवाही से गई आंखों की रोशनी
तपस्वनी की आंखों की रोशनी गई उस समय तपस्वनी दूसरी क्लास में पढ़ती थी। 2003 में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ओडिशा के बड़े अस्पताल में तपस्वनी की आंखों की रोशनी चली गई।लेकिन कठिनाइयों के बावजूद तपस्वनी का कामयाबी हासिल करने का सपना कम नहीं हुआ और 23 साल की उम्र में उन्होंने ओडिशा सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर करके दिखाई।

जानें कैसे हासिल सफलता
-तपस्वनी ने कहा कि अगर दृढ़ निश्चय हो और धीरज हो तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने बताया कि मुझे अच्छे से पता था कि मैं पहली बार में परीक्षा पास कर लूंगी। 

-9 वीं कक्षा में उन्होंने अखबार में ओपीएससी का विज्ञापन पढ़ा तो उन्होंने ओडिशा सिविल सर्विस परीक्षा देने का फैसला किया। तपस्वनी बताती हैं कि जिन लोगों की दोनों आंखें सही होती हैं वो आराम से किताबें पढ़ सकते हैं, लेकिन मुझें कई किताबों की रिकॉर्डिंग पर निर्भर रहना पड़ता था।

-उन्होंने कई किताबें अपने लैपटॉप में स्कैन करके ऑडियो फॉर्मेट में सेव कर रखती थीं। तपस्वनी का कहना है कि मैंने कभी चुनौतियों से हार नहीं मानी और अपने आप से कहा एक कोशिश करके देखा जाए। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Author

Riya bawa

Recommended News

Related News