आदिवासी गांवों के विकास के लिए विश्वविद्यालय आएं आगे, गांवों को लें गोद

punjabkesari.in Saturday, Dec 12, 2020 - 05:24 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने विश्वविद्यालयों से गांवों विशेषकर आदिवासी गांवों को गोद लेने का शुक्रवार को आह्वान किया ताकि इन इलाकों का विकास और उत्थान किया जा सके।

विभिन्न संपर्क कार्यक्रमों के तहत गांवों में जाएंगे विद्यार्थी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापकों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि जब इस विश्वविद्यालय से विद्यार्थी विभिन्न संपर्क कार्यक्रमों के तहत गांवों में जाएंगे तो इससे ना केवल इन गांवों को मदद मिलेगी, बल्कि विद्यार्थियों को उन स्थानों की संस्कृति और माहौल का व्यवहारिक अनुभव मिलेगा जिससे वे अपनी भूमि की परंपराओं को गहराई से जान सकेंगे।

डिग्री देने की बजाए बच्चों को ज्ञान और क्षमता से लैस करें
उन्होंने कहा, ‘विश्वविद्यालय को स्कूलों से भी जुड़ना चाहिए ताकि विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय में दाखिला लें तो वे उच्च शिक्षा में प्रशिक्षण के लिए तैयार हों। इससे विश्वविद्यालय को इन बच्चों को महज डिग्री देने के बजाय उन्हें ज्ञान और क्षमता से लैस करने में मदद मिलेगी।' 

समग्र और सार्थक शिक्षा प्रदान करें विश्वविद्यालय
मंत्री ने कहा, ‘महिला एवं बाल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालयों को विकास परियोजनाएं बनाने और नीतियों का निर्माण करने के लिए विश्वविद्यालय का साथ लेना चाहिए जिससे राष्ट्र हित में शिक्षकों के ज्ञान का उपयोग हो सके।' विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वविद्यालयों को ऐसी शिक्षा प्रदान करनी चाहिए जो समग्र और सार्थक हो। इसके लिए शिक्षा व्यवस्था में अहम बदलाव लाने की तत्काल जरूरत है। 


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rajesh kumar

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