विश्वविद्यालय संबद्धता के लिए मानदंड और नियम तय कर सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट
punjabkesari.in Friday, Dec 11, 2020 - 12:24 PM (IST)
एजुकेशन डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कॉलेजों में किसी पाठ्यक्रम के लिए एआईसीटीई द्वारा निर्धारित मानदंडों को विश्वविद्यालय कमजोर नहीं कर सकते हैं, लेकिन संबद्धता प्रदान करने के लिए नियमों को कड़ा करने की उनके पास निश्चित तौर पर शक्ति है।
कोई विश्वविद्यालय ढीला-ढाला रवैया नहीं अपना सकता
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वर्तमान समय में कोई विश्वविद्यालय ढीला-ढाला रवैया नहीं अपना सकता, जब उनका खुद का कामकाज अंतरराष्ट्रीय मानदंडों पर मापा जा रहा है। इसलिए, नियमों को नियमों एवं मानदंडों को कहीं अधिक कड़ा करने की विश्वविद्यालयों की शक्ति पर संदेह नहीं किया जा सकता। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति रामासुब्रमण्यन की पीठ ने केरल उच्च न्यायालय के एक आदेश को निरस्त करते दिया।
निर्धारित मानदंडों को विश्वविद्यालय कमजोर नहीं कर सकते
साथ ही, राज्य सरकार संचालित एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसके तहत कॉलेजों द्वारा पेश किए गए पाठ्यक्रमों के लिए कड़े नियम निर्धारित किए गए थे। न्यायालय ने कहा कि कॉलेजों में किसी पाठ्यक्रम के लिए एआईसीटीई द्वारा निर्धारित मानदंडों को विश्वविद्यालय कमजोर नहीं कर सकते हैं, लेकिन संबद्धता प्रदान करने के लिए नियमों को कड़ा करने की उनके पास निश्चित तौर पर शक्ति है। पीठ ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षाा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा अपनाये गए रुख को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि दुर्भाग्य से परिषद ने विश्वविद्यालय द्वारा अतिरिक्त नियम एवं शर्तें निर्धारित किए जाने को अवांछित करार दिया था।