Success Story: सेल्‍फ स्‍टडी कर NEET परीक्षा में की सफलता हासिल, पिता ने सुनाई संघर्ष की दास्तां

punjabkesari.in Thursday, Aug 29, 2019 - 02:42 PM (IST)

नई दिल्ली: हर इंसान जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। एक ऐसी ही कहानी की बात करने जा रहे है जिसने कड़ी मेहनत के दम पर नीट का एंट्रेस एग्‍जाम क्रैक कर लिया है। एनटीए की ओर से हर वर्ष आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर डॉक्टर बनने का सपना संजोते हैं। 

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कड़ी मेहनत, लगन और मजबूत इच्छा शक्ति हो तो गरीबी और विपरीत परिस्थिति में भी सफलता जरूर पाई जा सकती है। इस बात को सच कर दिखाया है दिल्‍ली में रहकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहीं शशि ने। शशि ने नीट का एंट्रेस एग्‍जाम क्रैक कर लिया है और अब उन्‍हें लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया है। नीट का एंट्रेस एग्‍जाम क्रैक करने के बाद शशि कॉलेज से MBBS की पढ़ाई करेंगी। 

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पारिवारिक और पढ़ाई 
शशि के पिता एक मजदूर हैं, उनकी हर दिन की कमाई महज 300 रुपये हैं। अगर किसी दिन उन्‍हें मजदूरी न मिले तो ये चंद पैसे भी आना मुश्‍किल हो जाता है। ऐसी स्‍थितियों में भी शशि ने हार नहीं मानीं और जुटी रहीं। आज उसकी मेहनत और लगन से उसने एग्जाम में सफलता हासिल की है। शशि अपनी सफलता पर बेहद खुश हैं। 

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-मीडिया से बातचीत के दौरान शशि के पिता अखिलेश कहते हैं, मेरी बेटी शशि की तरह ही मेरी छोटी बेटी रितू जो अभी 18 साल की है वो भी डॉक्‍टर बनना चाहती है। इसके लिए वो भी ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ के तहत के तहत नीट की कोचिंग कर रही हैं। इसके  साथ ही बेटा IIT करना चाहता है।  शशि के पिता चाहते है कि मेरे बच्‍चों के हर सपने पूरे हो जाएं। 

सेल्‍फ स्‍टडी से की नीट परीक्षा पास  
शशि का कहना है कि ये मेरा दूसरा प्रयास है, इसके पहले मैंने सेल्‍फ स्‍टडी से नीट परीक्षा की तैयारी की थी। इसके बाद दिल्‍ली सरकार की 'जय भीम मुख्‍यमंत्री प्रतिभा योजना' के तहत कोचिंग की, जिसके तहत गरीब बच्‍चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग करने का मौका मिलता है। आज खुश हूं कि मेरी मेहनत रंग लाई है। 

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एक कमरे में की पढ़ाई 
शशि के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से उनके पास केवल एक कमरा है। जब परिवार वाले सो जाते थे तो वह पढ़ाई करती थी। अब शशि का कहना है कि वह समाज सेवा करना चाहती है। 
 


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Author

Riya bawa

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