परीक्षा की तैयारी के लिए जानें जेईई मेन टॉपर के ये सक्सेस मंत्र

punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2020 - 01:04 PM (IST)

नई दिल्ली: जेईई परीक्षा में बहुत से छात्र है जिन्होंने दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष, कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस बार जेईई मेन परीक्षा में छात्रों ने 100 % अंक  हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। इन्हीं होनहारों में बहुत से छात्र है जिन्होंने आने वाली युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल कायम की है, जैसे- पंजाब के उज्जवल मेहता,दिल्ली के निशांत अग्रवाल, गुजरात के निसर्ग चड्ढा, हरियाणा के दिव्यांशु अग्रवाल, आंध्र प्रदेश के जीतेंद्र और तथवर्ती विष्णु श्री साइ शंकर, राजस्थान के अखिल जैन और पार्थ द्विवेदी एवं तेलंगाना के रोंगला अरुण सिद्धार्थ और चागरी कौशल कुमार रेड्डी शामिल हैं। 

जानें जेईई मेन टॉपर के सक्सेस मंत्र

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दिल्ली के रहने वाले निशांत अग्रवाल
निशांत ने कहा कि तैयारी के लिए वह सुबह 6 बजे उठते थे,जिसमें परीक्षा की तैयारी करते और 30 मिनट ब्रेक लेते हैं, इसी के साथ वह बैडमिंटन भी खेलते हैं। निशांत के पिता अरुण अग्रवाल ने बताया "आम तौर पर वह दिन में 6 से 7 घंटे पढ़ाई करता है, परीक्षा के दौरान वह लगभग 10 घंटे पढ़ाई करता है।"

पंजाब के उज्जवल मेहता
टॉपर उज्जवल ने कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए वह रोजाना 8 घंटे की पढ़ाई करते थे। तैयारी के समय उन्होंने बिल्कुल भी आत्मविश्वास कम नहीं होने दिया। वो सोशल मीडिया से दूर रहते हैं। इसके अलावा पढ़ाई के दौरान उन्होंने स्मार्टफोन का इसेतमाल भी नहीं किया। उज्जवल ने 10वीं क्लास में 97.6% अंक हासिल किए। अब आगे जाकर उज्जवल आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस लेना चाहते हैं। उनके पिता प्राइवेट कंपनी में फाइनेंशियल मैनेजर और मां सीमा एक हाउसवाइफ हैं।

लखनऊ के सृजय सिंह गुसेन 
लखनऊ से पढ़ने वाले सृजय सिंह गुसेन ने 99.89% स्कोर हासिल किए है। उनके जेईई एग्जाम की तैयारी करने का फॉर्मूला यह रहा कि एनसीआरटी की किताबों को ब्राउज करें और रोजाना 5 घंटे तक पढ़ाई करें। वो देश के टॉप सात आईआईटी संस्थान में से किसी एक में कम्यूटर सांइस में बीटेक करना चाहते हैं। उनका कहना है कि ‘मैं अप्रैल 2020 में होने वाले जेईई एग्जाम में फिर से 100 प्रतिशत स्कोर करने की कोशिश करूंगा’।

औंध के स्टूडेंट वेदांग असगांवकर 
वेदांग का नाम उन नौ छात्राओं में शामिल है, जिन्होंने 100 प्रतिशत स्कोर किया है। इनमें से असगांवकर ही ऐसे छात्र हैं, जो महाराष्ट्र से हैं। पिछले साल 2019 में नेशनल लेवल पर सिर्फ एक छात्र पहुंचा था। असगांवकर की कहानी इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि वो आठवीं कक्षा से तैयारी कर रहे थे। 

 

 

 


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Author

Riya bawa

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