CBSE: 12वीं बोर्ड के बचे हुए पेपर कैंसिल करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Jun 17, 2020 - 02:25 PM (IST)

नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन की ओर से 12वीं की बची हुई परीक्षा 1 से 15 जुलाई के बीच आयोजित की जाएगी। इन परीक्षाओं को लेकर कुछ अभिभावकों ने याचिका डाली थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने CBSE से कोरोना संकट के दौरान परीक्षा से छात्रों की सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर जताई गई। कोर्ट ने कहा है कि बोर्ड हालात को देखते हुए अपना जवाब दे। 

सीबीएसई ने भी कहा है कि वह स्थिति को देखते हुए अपने दिशा-निर्देश बताएगा। इस मामले की सुनवाई अब 23 जून को होगी। कुछ अभिभावकों ने कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और 12वीं बोर्ड के बचे हुए पेपर रद्द कराने की मांग की है. इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई बोर्ड से जवाब मांगा है। 

ये हैं मांग 
#बता दें कि सीबीएसई बोर्ड ने हाल ही में फैसला लिया था कि बोर्ड अपने बचे हुए एग्जाम एक से 15 जुलाई को कराएगा। सीबीएसई बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ कुछ पेरेंट्स ने 10 जून को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एग्जाम पर स्टे लगाने की मांग की थी। 

#पेरेंट्स ने अपनी याचिका में खासतौर पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बढ़ते खतरे का जिक्र किया है। पेरेंट्स का तर्क है कि एम्स के डाटा के अनुसार, कोरोना वायरस आने वाले समय में भारत में अपने चरम पर होगा. ऐसे में परीक्षाएं कराना बच्चों की सेहत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। 

#पेरेंट्स ने मांग की है कि इन परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए. उनका कहना है कि आज भारत में संक्रमितों की संख्या 3 लाख से उपर पहुंच चुकी है, ऐसे में परीक्षाएं कराना बेहद जोखिम भरा कदम साबित हो सकता है। पेरेंट्स अब इंटरनल एसेसमेंट के जरिये रिजल्ट घोष‍ित करने की मांग कर रहे हैं। 

कोरोनावायरस के चलते मार्च में लॉकडाउन लागू हो गया था और पूरे देश के स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए थे जिस वक्त लॉकडाउन लागू किया गया, तब बोर्ड के कुछ पेपर बच गए थे। सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड के बचे हुए सभी पेपर 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच कराने का फैसला किया है। सीबीएसई के इसी फैसले के खिलाफ 12वीं बोर्ड के कुछ बच्चों के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। 


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Author

Riya bawa

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