पर्यावरण पर करें उपकार डीयू वेबसाइट पर करें प्रचार

punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2019 - 12:28 PM (IST)

नई दिल्ली (मनीष राणा):  दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव प्रचार में दिल्ली विश्वविद्यालय ने पेपरलेस कैम्पेन के लिए छात्रों को एक ऐसी सुविधा देता है जो शायद किसी दूसरे विवि में देखने को नहीं मिलेगी। पेपरलेस कैम्पेन के लिए डीयू चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को अपनी अधिकृत वेबसाइट पर वीडियो अपलोड के जरिए प्रचार का मौका देता है। चुनाव प्रचार में कागज की बर्बादी से बचा जा सके। मगर इसके बावजूद प्रत्याशियों में इसके प्रति उदासीनता दिखाई देती है और वह वीडियो बनाकर देने के स्थान पर छात्रों के बीच पहुंच प्रचार करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं। 

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यही कारण है कि जिस मकसद के साथ यह सुविधा शुरू की गई थी वह मकसद आज तक पूरा नहीं हुआ और चुनाव प्रचार में कागजों की बर्बादी लगातार जारी है। बढ़ते प्रदूषण, घटते वन क्षेत्र और एनजीटी की सख्ती को देखते हुए डीयू प्रशासन दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव प्रचार में होने वाली कागजों की बर्बादी को रोकने के लिए पूरी कोशिश में लगा हुआ है। इसलिए ही प्रत्याशियों को डीयू अपनी वेबसाइट पर प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए अपना वीडियो बनाकर देने का मौका देता है। मगर प्रत्याशियों में इसको लेकर कोई दिलचस्पी नहीं रहती है जिसके चलते यह योजना अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर पा रही है और पेपर की बर्बादी बदस्तूर जारी है। 

2014 में हुई थी शुरूआत
डूसू में पूर्व मुख्य चुनाव अधिकारी डीएस रावत के समय में प्रत्याशियों का वीडियो बनाकर अपलोड कराने की सुविधा की शुरुआत की गई थी। प्रोफेसर रावत लंबे समय तक डूसू चुनाव कराते आए है, उनके अनुसार इस योजना का लाभ तब है, जब प्रत्याशी इसको इस्तेमाल करे। मगर प्रत्याशी नहीं आते हैं इससे बचते हैं। मालूम हो, प्रत्याशी को वीडियो मैसेज देने के लिए पहले समय 5 मिनट का था अब 10 मिनट कर दिया गया है मगर इस बार कोई प्रत्याशी वीडियो अपलोड कराता है या नहीं यह देखना होगा। 

डूसू चुनाव में प्रत्याशियों का जोर अपने मुद्दे छात्रों तक ले जाने से ज्यादा जोर अपने पक्ष में भीड़ दिखाकर हवा बनाने पर रहता है। इसमें उन्हें छात्र संगठनों का भी पूरा समर्थन रहता है। यहीं कारण है कि वीडियो पर मैसेज देने की सुविधा मिलने के बावजूद प्रत्याशी उससे बचते है और जुलूस के साथ प्रचार करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। 


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Author

Riya bawa

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