राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पांचवी क्‍लास तक केवल मातृभाषा में ही होनी चाहिए पढ़ाई: प्रधानमंत्री मोदी

punjabkesari.in Saturday, Sep 12, 2020 - 10:00 AM (IST)

नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के शैक्षिक पहलू के बारे में संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘21वीं सदी में स्कूली शिक्षा’ विषय पर एक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सभी एक ऐसे क्षण का हिस्सा बन रहे हैं, जो हमारे देश के भविष्य निर्माण की नींव डाल रहा है, जिसमें नए युग के निर्माण के बीज पड़े हैं। 

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पांचवी क्‍लास तक केवल मातृभाषा में ही होनी चाहिए पढ़ाई
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत ‘21वीं सदी में स्कूली शिक्षा' विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए बच्चों को कम से कम पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा या स्थानीय भाषा में पढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में किसी भी भाषा के सीखने पर रोक नहीं है और बच्चे अंग्रेजी या किसी भी अंतरराष्ट्रीय भाषा की पढ़ाई कर सकते हैं।

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"भाषा शिक्षा का माध्यम है, भाषा ही सारी शिक्षा नहीं है जिस भी भाषा में बच्चा आसानी से सीख सके, चीजें लर्न कर सके, वही भाषा पढ़ाई की भाषा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सोचना चाहिए कि कहीं ऐसा तो नहीं कि विषय से ज्यादा बच्चे की ऊर्जा भाषा को समझने में खप रही है। "

-उन्होंने कहा कि स्कूली श‍िक्षा में ही छात्र नई चीजें जैसी कोडिंग, डाटा साइंस और रोबोटिक्स समझें. हमारी पहले की जो श‍िक्षा नीति रही है उसने हमारे स्टूडेंट्स को बहुत बांध भी दिया था । 
 
-उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने ‘माएगोव' पोर्टल पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के बारे में देशभर के शिक्षकों से उनके सुझाव मांगे थे जिसमें एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं।

 
 


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Riya bawa

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