MP 12वीं बोर्ड में मिस्त्री का बेटा बना टॉपर, जानें सफलता का राज

punjabkesari.in Tuesday, Jul 28, 2020 - 11:29 AM (IST)

नई दिल्ली-किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह मायने नहीं रखता कि कहां रहते या और कौन सा काम करते है। लक्ष्य को पाने के लिए यह मायने रखता है कि आप अपने उसके लिए कितने ईमानदार हैं और उसे पाने के लिए कितनी कड़ी मेहनत करते हैं। ऐसा ही होता है जब किसी की बरसों की मेहनत, दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष, एक बड़ी सफलता में बदलता है। सचिन पटवारे की कहानी भी मुश्किलों से जूझते नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है। 

PunjabKesari

बात कर रहे है हरदा जिले के गांव रन्हाई कला गांव मे रहने वाले सचिन पटवारे की जिसने मध्य प्रदेश बोर्ड 12वीं की परीक्षा में टॉप किया है जब इसका नाम मैरिट लिस्ट पर आया तो उसकेे परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। बता दें कि सचिन हरदा सरस्वती शिशु मंदिर का छात्र है। सचिन पटवारे ने 12वीं बोर्ड मेरिट लिस्ट में वाणिज्य संकाय में चौथा स्थान प्राप्त किया है।

आइए जानते है सफलता का राज
सचिन के पिता ने कभी किसानी तो कभी मिस्त्री का काम करके घर का गुजारा किया है और मां सिलाई करती है। उनके पिता ने दिन रात मेहनत करके भी बेटे की पढ़ाई में कभी रुकावट नहीं आने दी। मां-पिता से लेकर हौसला बढ़ाने वाली बहन तक सभी की आंखों में खुशी के आंसू थे। घर में आंखों में एक गहराई सी है जो खुशियों से इतनी भरी है कि खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

सीए बनने का है सपना
सचिन सपना देख रहा है कि वो एक कामयाब सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) बनकर अपने परिवार को ढेर सारी खुश‍ियां और आराम दे। 
बता दें कि सचिन हरदा सरस्वती शिशु मंदिर का छात्र है. सचिन पटवारे ने मप्र की मेरिट लिस्ट में वाणिज्य संकाय में चौथा स्थान प्राप्त किया है. सचिन के पिता 5 एकड़ के किसान होने के साथ ही मिस्त्री का काम करते हैं जबकि मां मनीषा घर पर सिलाई का काम करती है.

PunjabKesari

जब कल परिणाम जारी हुआ  तब भी सचिन की मां सिलाई कर रही थी, पूरे परिवार ने खुश होकर सचिन का मुंह मीठा किया। मां ने आरती उतारकर तिलक लगाया तो, दादी ने लाड़ करके आशीर्वाद दिया। पूरे गांव ही नहीं प्रदेश के लिए भी सचिन जैसा होनहार छात्र एक मिसाल बन गया है।

गौैरतलब है कि इस साल कुल 68.81% छात्रों ने कक्षा 12वीं की परीक्षा पास की है, पिछले साल की तुलना में इस साल पास प्रतिशत कम हुआ है पिछले साल 72.37% छात्रों ने सफलता हासिल की थी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Author

Riya bawa

Recommended News

Related News