नौकरियां पैदा करने वाली अर्थव्यवस्था की जरूरत: मनीष सिसोदिया

punjabkesari.in Wednesday, Sep 18, 2019 - 11:00 AM (IST)

नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को 140 उद्यमियों के साथ मुलाकात की और देश की अर्थव्यवस्था में दिल्ली की भूमिका पर चर्चा की। दिल्ली सचिवालय में उद्यमियों के साथ मुलाकात में सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चल रहे उद्यमिता करिकुलम को भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देने और देश की अर्थव्यवस्था को नौकरियां खोजने वाली अर्थव्यवस्था से नौकरियां पैदा करने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में बदलने में कामयाब होना चाहिए। 

सिसोदिया ने कहा कि हमारा जोर आने वाली युवा पीढ़ी का माइंडसेट खुद रोजगार पाने की बजाय दूसरों को रोजगार देने वाला बनने की तरफ  बदलने के लिए होना चाहिए। बदलाव वो होगा जब हम नौकरी पाने वाले के माइंडसेट को नौकरी देने वाली सोच में बदल सकें। उन्होंने ये भी कहा कि आज जब देश का सबसे अच्छा मस्तिष्क विदेशी कंपनियों की तरक्की के लिए काम कर रहा है तो देश की अर्थव्यवस्था कैसे विकसित हो सकती है? इसीलिए उद्यमिता माइंडसेट अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसे बदलने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा और भारत की तरक्की को वापस ट्रैक पर लाना होगा। 

उद्यमिता माइंडसेट करिकुलम के फायदे के बारे में बात करते हुए सिसोदिया ने समझाया कि ये नौकरियों की समस्या लडख़ड़ाती अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी से पार पाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। हमें अपने बच्चों को केवल नौकरी के पीछे भागने वाली स्थिति की बजाय दोनों तरह के विकल्प वाली स्थितियां बनानी होंगी,जिसमें वो सैलरी आधारित प्रोफेशनल बनने से लेकर उद्यमी बनने तक के विकल्प में से अपने अनुसार चुन सके। ये बातें ऐसे अभिभावकों को ध्यान में रखकर कही गई थी जो अपने बच्चों की रोजगार के बारे में लगातार चिंतित रहते हैं और उन्हें एक ऐसे व्यवसाय का चयन करने को कहते हैं, जिसमें तनखाह मिलती हो। खुद स्टार्ट अप या नया व्यवसाय शुरू करने की बच्चों की सोच को हतोत्साहित करते हैं।


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Author

Riya bawa

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