आख‍िर क्यों JEE-NEET एग्जाम बना है चर्चा का मुद्दा, जानिए किसकी क्या है राय

punjabkesari.in Friday, Aug 28, 2020 - 01:37 PM (IST)

नई दिल्ली- देशभर में उच्च स्तर की प्रवेश परीक्षा JEE-NEET को लेकर बहुत से विवाद हो रहे है। शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा कराने के अपने फैसले को बरकरार रखा है। इस बीच विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विचार-विमर्श कर परीक्षाएं टलवाने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला किया। पिछले कुछ महीने से JEE-NEET एग्जाम मुद्दा छाया रहा है। कई लोग परीक्षाएं आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं, वहीं विपक्ष और कार्यकर्ता कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इसे टालने की मांग कर रहे हैं। 

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जानिए किसकी क्या है राय 
--कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए मैडीकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली नीट और जे.ई.ई. की परीक्षाएं टलवाने की मांग का समर्थन करते हुए विपक्ष शासित प्रदेशों के 7 मुख्यमंत्रियों ने लामबंद होते हुए बुधवार को फैसला किया कि वे इस मुद्दे पर संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। 

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--केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि 17 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने जेईई और नीट परीक्षा के लिए अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिया है और इससे स्पष्ट होता है कि छात्र हर हाल में परीक्षा चाहते हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर नीट और जेईई मेन्स परीक्षा को स्थगित करने की कुछ वर्गो द्वारा मांग की जा रही है।

-कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ डिजीटल बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए। 

-झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर परीक्षाओं को टालने की मांग करनी चाहिए।

-पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि सितम्बर में कोरोना वायरस के मामले और बढ़ सकते हैं, ऐसी स्थिति में परीक्षाएं कैसे कराई जा सकती हैं? 

-महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि आज कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है और संकट बढ़ गया है तो परीक्षाएं कैसे ली जा सकती हैं? 

-राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी और द्रमुक के मुखिया एम.के. स्टालिन ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की पैरवी की और केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ न्यायालय का रुख करने के विचार से सहमति जताई। 

-राहुल गांधी ने कहा कि नीट व जे.ई.ई. की परीक्षाओं के संदर्भ में केंद्र सरकार सभी पक्षों से बात कर मुद्दे का स्वीकार्य समाधान निकाले। उन्होंने ट्वीट किया-‘नीट-जे.ई.ई. के अभ्यर्थियों की चिंता अपनी सेहत व भविष्य दोनों को लेकर है। ’

-दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को फिर नीट व जे.ई.ई. परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि 28 लाख छात्र उन्हीं नियमों का पालन करें, जिनका अनुसरण करने के बावजूद लाखों भारतीय संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।

नीट के लिए बुधवार को 3 घंटे में 4 लाख से अधिक प्रवेशपत्र डाऊनलोड किए गए। इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या जे.ई.ई. 1 से 6 सितम्बर के बीच होगी जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) 1 सितम्बर को कराने की योजना है। नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। जेईई मेन्य के लिए करीब 8.58 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था।

 


 


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Riya bawa

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