CBSE :  रैंकिंग प्रक्रिया में सहयोग ना करना पड़ेगा भारी, हो सकता है 50 हजार जुर्माना

punjabkesari.in Friday, May 19, 2017 - 02:37 PM (IST)

नई दिल्ली : बच्चों के लिए अच्छे स्कूल का चयन करना अब अभिभावकों के लिए आसान हो जायेगा क्योंकि गुणवत्ता के आधार पर स्कूलों की ग्रेडिंग करने की योजना है। रैकिंग प्रक्रिया में सहयोग नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ सीबीएसई ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है । करीब एक हजार स्कूलों पर 50-50 हजार जुमार्ना लग सकता है। इन स्कूलों को 31 मई तक का समय दिया गय़ा है । इसके साथ इन्हें जुर्माने के साथ ही जानकारी भी 30 जून तक देनी होगी । सीबीएसई के चैयरमैन आरके चतुर्वेदी ने  जानवकारी देते हुए बताया कि बोर्ड अगस्त महीने से सारे स्कूलों की रैकिंग तैयार करने में  लगा हुआ है । देश भर के स्कूलों को ए, बी, सी,डी ई  की श्रेणी में रखा जाएगा। इसका अांकलन स्कूलों दुारा स्टूडेंट्स को मुहिया करवाई जाने सुविधाओँ के आधार पर किया जाएगा। स्कूल किसी तरह की मनमानी ना करें इसके लिए बोर्ड ने सिंतबर में स्कूल बायलॉज रिव्यू कमेटी का गठन किया गया था। स्कूलों की  मनमानी रोकने के लिए बोर्ड दुारा इस कमेटी में बदलाव किए जा रहे है । 

पिछले साल सीबीएसई ने स्कूलों को निर्देश जारी किए थे कि वह समय पर अपना डाटा स्कूल की वेबसाइट पर अपडेट करने के साथ ही बोर्ड को भेजें। अब एेसा ना करने वाले स्कलों को 30 जून तक का समय दिया गया है साथ ही देरी से डाटा अपवोड करने पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। अभी बोर्ड से 18 हजार से ज्यादा स्कूल रजिस्टर्ड है, इनमें से करीब 17 हजार स्कूल अपना डेटा भेज चुके हैं। दरअसल बोर्ड ने देशभर के स्कूलों को निर्देश जारी कर पूछा है कि वह कितनी फीस ले रहे है और बदले में क्या क्या सुविधाएं दी जा रही है । स्कूलों को हर हाल में यह जानकारी 30 जून तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड करनी है साथ ही  सीबीएसई को भी यह जानकारी भेजनी जरुरी है  । 

बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी रमा शर्मा ने इश बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि बोर्ड के एफिलिएशन बायसॉज के चैप्टर 2 के क्लॉज 11 में प्वांइटस के बदलाव को लेकर स्कूलों से सारी जानकारी मांगी जा रही है  और साथ ही यह निर्देश दिए गए है कि वेबसाइट पर भी यह जानकारी अपलोड करें।    


 


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