अपने घर में होने वाली चोरी के लिए तुम ही जिम्मेदार

punjabkesari.in Monday, May 29, 2017 - 01:38 PM (IST)

चीन के दार्शनिक लाओत्से अपने विचार और बुद्धि के कारण काफी प्रसिद्ध थे। चीन के राजा ने लाओत्से से प्रधान न्यायाधीश बनने का अनुरोध किया और कहा, ‘‘संपूर्ण विश्व में आप जैसा बुद्धिमान और न्यायप्रिय कोई नहीं है। आप न्यायाधीश बन जाएंगे तो मेरा राज्य आदर्श राज्य बन जाएगा।’’ 


लाओत्से ने इंकार करते हुए कहा कि वह उस पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं लेकिन राजा नहीं माना। लाओत्से ने उसे समझाया, ‘‘मुझे न्यायालय में कार्य करते देखकर आपको अपना विचार बदलना पड़ेगा। मेरा मानना है कि संपूर्ण व्यवस्था में ही दोष है। आपके प्रति आदर भाव रखने के कारण ही मैंने आपसे सत्य नहीं कहा है। अब या तो न्यायाधीश बना रहूंगा या आपके राज्य की कानून व्यवस्था बनी रहेगी।’’ 


पहले ही दिन न्यायालय में एक चोर को लाया गया जिसने राज्य के सबसे धनी व्यक्ति का लगभग आधा धन चुरा लिया था। लाओत्से ने मामले पर अपना निर्णय सुनाया, ‘‘चोर और धनी व्यक्ति दोनों को 6-6 महीने की जेल की सजा दी जाए।’’ 


धनी व्यक्ति ने कहा, ‘‘आप यह क्या कर रहे हैं? चोरी मेरे घर में हुई है। मेरा धन चुरा लिया गया है, फिर भी आप मुझे जेल भेजने का निर्णय कर रहे हैं। यह कैसा न्याय है?’’


लाओत्से ने कहा, ‘‘मुझे तो लगता है कि मैंने चोर के प्रति न्याय नहीं किया है। तुम्हें वास्तव में अधिक लंबा कारावास देना चाहिए। तुमने आवश्यकता से अधिक धन जमा करके बहुत से लोगों को संपत्ति से वंचित कर दिया है। देश में हजारों लोग भूखे मर रहे हैं लेकिन धन संग्रह करने की तुम्हारी लालसा कम नहीं होती। तुम्हारे लालच के कारण ही ऐसे चोर पैदा हो रहे हैं। अपने घर में होने वाली चोरी के लिए तुम ही जिम्मेदार हो। तुम अधिक बड़े अपराधी हो।’’ 


राजा ने लाओत्से को उसी दिन हटा दिया। 
 


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