वास्तु के अनुसार किसी भी काम को करने का शुभ समय क्या है, जानिए यहां
punjabkesari.in Saturday, Nov 28, 2020 - 05:26 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखा जाता है। इस बारे में ज्योतिष शास्त्र में भी बताया गया है कि कोई भी धार्मिक कार्य हो उसे करने के लिए समय का शुभ होना बहुत ज़रूरी होता है। मगर क्या आप जानते हैं कि वास्तु में इस बारे में वर्णन किया गया है। जी हां, धार्मिक शास्त्र के साथ-साथ वास्तु शास्त्र तक में भी बताया गया है कि किस काम को करने के लिए कौन के समय अधिक शुभ होता है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में भी इसी से जुड़ी जानकारी देने वाले हैं कि वास्तु के अनुसार दिन के कौन से समय व्यक्ति को कौन का कार्य करना चाहिए।
सबसे पहले आपको बता दें सूर्य, वास्तु शास्त्र के सबसे अधिक प्रभावित करता है, इसलिए ज़रूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर या भवन का निर्माण इसी के अनुसार करना चाहिए। इतना ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दिनचर्या भी इसी के अनुसार निर्धारित करनी चाहिए।
शास्त्रों में बताया गा है कि सूर्योदय से पहले रात्रि 3 से प्रातः 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त का होता है। इस दौरान सूर्य घर के उत्तर-पूर्वी भाग में होता है। वास्तु के अनुसार व्यक्ति को इस समय में चिंतन-मनन व अध्ययन करना चाहिए, बेहतर माना जाता है।
इसके बाद शाम आता है 6 से 9 बजे तक का समय, जब सूर्य पूर्वी हिस्से में होता है। वास्तु शास्त्री बताते हैं कि घर ऐसा बनाएं जहां सूर्य की पर्याप्त रोशनी घर में प्रवेश कर सके।
9 से 12 बजे तक के समय की बात करें, तो इस समय समस्त ग्रहों का राजा कहे जाने वाले सूर्य देव दक्षिण-पूर्व में होते हैं। वास्तु के मुताबिक यह समय भोजन पकाने के लिए सबसे उत्तम होता है। चूंकि रसोई व स्नान घर गीले होते हैं, इसलिए ये जगहें ऐसी होनी चाहिए, जहां सूर्य की रोशनी मिले ताकि वे सूखे और स्वास्थ्यकार हो सके।
वास्तु के अनुसार दोपहर का 12 से 3 बजे तक। विश्रांति काल यानि आराम का समय होता है। इस दौरान सूर्य अब दक्षिण में होता है, अत: प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शयन कक्ष इसी दिशा में हो।
3 से सायं 6 बजे तक का समय अध्ययन और कार्य का समय होता है और सूर्य दक्षिण-पश्चिम भाग में होता है अत: यह स्थान अध्ययन कक्ष या पुस्तकालय के लिए उत्तम होता है।
शाम 6 से रात 9 तक का समय खाने, बैठने और पढ़ने का होता है, इसलिए घर का पश्चिमी कोना भोजन या बैठक कक्ष के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।
सायं 9 से मध्यरात्रि के समय सूर्य घर के उत्तर-पश्चिम में होता है। यह स्थान शयन कक्ष के लिए भी उपयोगी है।