नवरात्रि के दौरान कर लें ये काम, मिलेगा मां दुर्गा से मनचाहा वरदान

punjabkesari.in Friday, Oct 04, 2019 - 11:26 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का अधिक महत्व होता है। वहीं नवरात्रि का पर्व चल रहा है और देश के हर कोने में इसकी धूम देखने को मिल रही है। इसके साथ ही नवरात्रि शुरू होते ही सब शुभ कामों की शुरूआत हो जाती है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा होती है और पूजन के दौरान स्वास्तिक चिन्ह  बनाने का महत्व होता है। वहीं वास्तु शास्त्र में भी स्वास्तिक बहुत मायने रखता है।  ऊँ और स्वास्तिक दोनों ही चिह्न शुभता के प्रतीक माने जाते हैं। जब भी कोई शुभ कार्य आरंभ किया जाता है तो हल्दी या सिंदूर से स्वास्तिक बनाने का विधान है। चलिए आगे जानते हैं किस ओर स्वास्तिक बनाने से मिलेगा वास्तु दोषों से छुटकारा। 
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नवरात्र के दौरान पूजा घर के अंदर या दरवाजों के दोनों ओर स्वास्तिक का चिह्न बनाना चाहिए। कहते हैं कि इससे वास्तु दोषों के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा मिलता है और देवी मां की भी कृपा बनी रहती है। 

वास्तु के हिसाब से उत्तर-पूर्व दिशा स्वास्तिक का चिह्न बनाने के लिए सबसे अच्छी दिशा है। इस दिशा में स्वास्तिक का चिह्न सकारात्मक ऊर्जा लाने वाला होता है और आप भी स्वयं के साथ गहरा जुड़ाव अनुभव करेंगे।
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नवरात्रि के 9 दिनों तक चूने और हल्दी से घर के बाहर द्वार के दोनों ओर स्वस्तिक चिह्न बनाना चाहिए। इससे माता प्रसन्न हो साधक को सुख और शांति प्रदान करती है।

घरों में शुभ कार्यों में हल्दी और चूने का टीका भी लगाया जाता है जिससे वास्तु दोषों का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति पर नहीं होता है।
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नवरात्रि के दौरान आम और अशोक के पत्तों की माला बनाकर अपने घर के मुख्य दरवाजे पर बांधना शुभ माना जाता है। इससे घर की सभी तरह की होने वाली नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है।


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