सता रहा है आपको भी कोरोना का डर, तो आज से इन बातों का रखें ध्यान

punjabkesari.in Thursday, May 20, 2021 - 03:05 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वर्तमान समय में हर व्यक्ति के मन में एक ही भय है, कोरोना के होने का डर। जी हां, प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी तरीके से खुद की इससे बचाने में लगा हुआ है। इस दौरान लोग जहां एक तरफ अपनी सेहत को लेकर अधिक सावधान हो रहे हैं, तो वहीं लोग भगवान से इससे मुक्ति की प्रार्थना भी कर रहे हैं। इसी बीच हम भी आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जिससे आपके कोरोना से बचने के चॉन्स कम हो सकते हैं। जी हां, दरअसल वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में वास्तु को लेकर ढील बरती जाती है, उस घर के लोगों के कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि घर को वास्तु के मुताबिक डिजाइन किया जाए व घर पर वास्तु की दृष्टि से ध्यान दिया जाए। तो आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र में बताई गई घर को लेकर जुड़ी खास टिप्स-  

हर व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर में जलाशय या पानी की टंकी हमेशा उत्तर या ईशान दिशा में होना चाहिए। वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर घर में दक्षिण दिशा में किसी तरफ भी पानी की व्यवस्था होती है तो परिवार के लोगों को कई तरह  के रोग होने के आसार बढते हैं।

आज कल के समय में लोग घर का निर्माण करवाते समय वास्तु की कम बल्कि अपने मन की अधिक करते हैं। परंतु वास्तु शास्त्री बताते हैं कि घर का एक कमरा यदि पश्चिम दिशा में तथा अन्य कमरा उत्तर दिशा में हो तो घर के गृहस्वामी के लिए मृत्युदायक साबित होते हैं। तो वहीं अगर पूर्व और उत्तर दिशा में कमरा हो तो आयु का ह्रास होता है। पूर्व और दक्षिण दिशा में इसके होने से वात रोग होने के आसार बढ़ते हैं। इसके अलावा यदि घर का  मुख्य कमरा पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में हो, पर दक्षिण में कमरा न हो तो वहां रहने वालों को सब प्रकार के रोग होने का भय होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार दूसरे और तीसरे पहर के दौरान अगर किसी वृक्ष, मंदिर आदि की छाया मकान पर पड़े तो घर के सदस्यों को कई तरह रोग होने का डर बढ़ता है। 

बहुत कम लोग जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में उल्लेेखित है कि एक दीवार से मिल हुए दो मकान यमराज के समान गृहस्वामी का नाश करने वाले होते हैं।

किसी मार्ग या गली का अंतिम मकान भी काफी कष्टदायी माना गया है।

जिस घर में पति-पत्नी ईशान दिशा के शयन कक्ष में शयन करते हैं, तो उन्हें कई तरह के रोग जीवन में परेशान करते हैं। इसके अलावा उत्तर या पश्चिम की तरफ सिर करके सोने से भी शरीर में अनचाहे रोग पैदा होने लगते हैं और आयु कम होेती है। 

वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को दिन में उत्तर की ओर तथा रात्रि में दक्षिण की ओर मुख करके मल-मूत्र का त्याग करना चाहिए। इसके विपरीत करने पर आधा सीसी रोग होने का खतरा होता है। 

(नोट- पंजाब केसरी इस तरह के किसी लेखन की पुष्टि नहीं करता, उपरोक्त बताई गई बातों मान्यताओं पर आधारित हैं)


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Content Writer

Jyoti

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