Vasant Panchami 2020ः इस विधि से करें देवी सरस्वती की पूजा

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2020 - 10:42 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का दिन बहुत ही खास होता है। कहते हैं कि इस दिन माता सरस्वती की पूजा होती है और साथ ही इस खास मौके पर पीली चीज़ों का भोग व पीले ही वस्त्र धारण किे जाते हैं। इस दिन को लेकर ऐसी मान्यता है कि छोटे बच्चे जो पढ़ने में कमजोर होते हैं, उन्हें आज के दिन सरस्वती माता की आराधना करनी चाहिए। चलिए आगे जानते हैं इस दिन का महत्व व पूजन विधि-
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महत्व
बसंत पंचमी के दिन को माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की शुरूआत के लिए शुभ मानते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन बच्चे की जिह्वा पर शहद से 'ए बनाना चाहिए इससे बच्चा ज्ञानवान होता है और शिक्षा जल्दी ग्रहण करने लगता है। बच्चों को उच्चारण सिखाने के लिहाज से भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। 6 मास आयु पूरे कर चुके बच्चों को अन्न का पहला निवाला भी इसी दिन खिलाने का रिवाज है। चूंकि बसंत प्रेम की ऋतु मानी जाती है और कामदेव अपने बाण इस ऋतु में चलाते हैं इस लिहाज से अपने परिवार के विस्तार के लिए भी यह बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है इसलिए बसंत पंचमी को परिणय सूत्र में बंधने के लिए भी बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है और बहुत से युगल इस दिन अपने दांपत्य जीवन की शुरूआत करते हैं। गृह प्रवेश से लेकर नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी इस दिन को शुभ माना जाता है। 
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पैन, कॉपी, किताबों की भी पूजा
बसंत पंचमी के दिन पैन, कॉपी, किताबों की भी पूजा की जाती है। ऐसा करने से देवी सरस्वती वरदान प्रदान करती हैं। सरस्वती, विष्णु और शिव मंदिरों में इस त्यौहार का उत्साह सर्वाधिक होता है। अधिकांश स्थानों पर मेले आयोजित किए जाते हैं, जो मुख्यत: संबंधित देवी-देवताओं को ही समर्पित होते हैं।
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पूजा
प्रात:काल स्नानादि कर पीले वस्त्र धारण करें। मां सरस्वती की प्रतिमा को सामने रखें तत्पश्चात कलश स्थापित कर भगवान गणेश व नवग्रह की विधिवत पूजा करें। फिर मां सरस्वती की पूजा करें। मां की पूजा करते समय सबसे पहले उन्हें आचमन व स्नान कराएं। फिर माता का शृंगार कराएं, माता श्वेत वस्त्र धारण करती हैं इसलिए उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं। प्रसाद के रूप में खीर अथवा दूध से बनी मिठाइयां चढ़ा सकते हैं। श्वेत पुष्प माता को अर्पण किए जा सकते हैं। विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा कर जरूरतमंद बच्चों को कलम व पुस्तकें भेंट करें। संगीत से जुड़े व्यक्ति अपने साज पर तिलक लगा कर मां की आराधना कर सकते हैं और मां को बांसुरी भेंट कर सकते हैं।


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