15 दिन में दो ग्रहण मचाएंगे खूब हलचल, शनि की वक्री चाल भी नहीं शुभ

punjabkesari.in Friday, May 28, 2021 - 04:35 PM (IST)

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वर्ष 2020 की तरह 2021 का यह साल भी कई खगोलीय घटनाओं का गवाह बनने जा रहा है, इन खगोलीय घटनाओं के साथ कई विलक्षण संयोग भी जुड़ रहे हैं। अभी 26 मई को वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण लगा और अब 10 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। यानी 15 दिन के भीतर लगातार दो ग्रहण का योग बना है। पिछले साल 2020 में भी ऐसा ही हुआ था जब 1 महीने के भीतर तीन ग्रहण लगे थे और 15 दिनों की अवधि में दो ग्रहण का संयोग बना था। कुंडली टीवी के दर्शकों को यही याद होगा कि पिछले साल यानी वर्ष 2020 में 30 दिन की अवधि में तीन ग्रहण लगे थे।  5 जून , 2020 को चंद्र ग्रहण लगा था 15 दिन बाद 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था और फिर 5 जुलाई को तीसरा चंद्र ग्रहण लगा था।

ज्योतिष शास्त्र में इतनी कम अवधि के भीतर  ग्रहण लगने को कतई अच्छा नहीं माना जाता। बहुत अनिष्ट कारक माना जाता है। कई तरह की समस्याएं बढ़ाता है और विभिन्न राशियों पर भी शुभ और अशुभ प्रभाव डालता है। दुनिया के लिए समस्याएं बढ़ती है। प्राकृतिक आपदाएं कहर मचाती हैं। विलक्षण घटनाएं भी होती हैं। अनहोनी भी होती है। शायद बहुत कम लोगों को यह मालूम होगा कि महाभारत काल में भी ग्रहणों का ऐसा ही एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बना था। महाभारत के 18 दिनों के युद्ध के दौरान पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण तो 13 दिन बाद सूर्य ग्रहण लगा था। सूर्य ग्रहण के दौरान अर्जुन ने जयद्रथ का वध करने में सफलता पाई थी। जयद्रथ का वध न होता तो युद्ध का परिणाम कुछ भी हो सकता था।

अभी 26 मई को जो इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा था तो उस दिन वैशाख पूर्णिमा यानी बुध पुर्णिमा थी और अब 10 जून को जो इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, उस दिन शनैश्चर अमावस्या है, जिसे शनि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। शनि जयंती को सूर्य ग्रहण होने से यह ग्रहण शनिदेव के प्रभाव को बढ़ाने वाला है। वैसे भी शनि देव इन दिनों उल्टी चाल चल रहे हैं। शनिदेव 23 मई 2021 को वक्री हुए थे और 141 दिन इसी वक्री अवस्था में  गोचर करने वाले हैं।  शनिदेव की वक्री गति आरंभ होने के एक माह के अंदर चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगना यानी दो ग्रहणों का बनना विशेष खगोलीय घटनाओं में आते हैं। इस दौरान विभिन्न राशियों पर गहन ज्योतिषीय प्रभाव के साथ बड़े भौगोलिक घटनाक्रम उपस्थित हो सकते हैं। इस ग्रहण का असर 12 राशियों के साथ ही देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। इस कारण प्राकृतिक आपदाएं आने और भारत के साथ-साथ वैश्विक पटल पर भी कई तरह के बदलाव होने के संकेत दिख रहे हैं। साथ ही इस ग्रहण से कई लोग मानसिक तौर से थोड़ा परेशान भी रहेंगे।

15 दिन में 2 ग्रहण होने से प्राकृतिक आपदाएं या मौसम में अचानक बदलाव हो सकता है। तेज हवा, आंधी, भूकंप या लेंडस्लाइड होने की आशंका बन रही है। इसके अलावा सीमाओं पर तनाव व सैन्य हलचल बढ़ सकती है। आतंकी घटनाओं व दुर्घटनाओं का अंदेशा भी रहता है। औद्योगिक विकास कार्यों में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। 10 जून  गुरुवार को लगने जा रहा साल का यह पहला सूर्यग्रहण  भारत में सिर्फ कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से  दिखेगा। लेकिन उत्तर-पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में ये ग्रहण देखा जा सकेगा। इसलिए इन जगहों पर इस ग्रहण का असर भी रहेगा। भारतीय समय के मुताबिक ये वलयाकार सूर्यग्रहण दोपहर करीब 1:42 पर शुरू होकर शाम 6:41 पर खत्म होगा। 5 घंटे के इस ग्रहण में 3 मिनिट 48 सेकंड तक वलयाकार स्थिति बनेगी। 

गुरमीत बेदी 
gurmitbedi@gmail.com

 


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Content Writer

Jyoti

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