सोमवार को करेंगे ये काम, कभी नहीं जाएंगे डॉक्टर के पास

punjabkesari.in Monday, Apr 24, 2017 - 07:01 AM (IST)

भगवान शंकर अत्यन्त शांत समाधिस्थ देवता हैं। इस सौम्य भाव को देखकर ही भक्तों ने इन्हें सोमवार का देवता मान लिया। सहजता और सरलता के कारण ही इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है। सोम का अर्थ चंद्रमा भी होता है और चंद्रमा मन का प्रतीक है। जड़ मन को चेतनता से प्रकाशित करने वाला परमेश्वर ही है। मन की चेतनता को पकड़कर हम परमात्मा तक पहुंच सके इसलिए देवाधिदेव भूतभावन पूतपावन परमेश्वर की उपासना सोमवार को की जाती है। ज्योतिष में दूध को चंद्रमा का कारक ग्रह माना जाता है। दूध में तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करने से सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है। उसी प्रकार सांप को दूध पिलाने से राहू का उपाय होता है। प्राचीन तांत्रिक ग्रंथों में दूध के ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, जिनको अपनाने से प्रत्येक समस्या तुरंत दूर हो जाती है।


सोमवार की रात 9 बजे के पश्चात शिवालय में जाकर कच्चा दूध मिश्रित जल अर्पित करते समय ऊँ जूं सः का जाप करें। प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जप करें। इस उपाय से असाध्य बीमारी से मुक्ति मिलती है। 


रुद्राक्ष धारण करने से तन-मन में पवित्रता का संचार होता है। जो व्यक्ति पवित्र और शुद्ध मन से भगवान शंकर की आराधना करके रुद्राक्ष धारण करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। चौदह मुखी रुद्राक्ष मृत्युंजय का स्वरूप होने से सर्व रोग निवारक सिद्ध हुआ है। इसको धारण करने से असाध्य रोग भी शान्त हो जाते हैं। जन्म-जन्मान्तर के पापों का शमन होता है। रुद्राक्ष के एक सौ चालीस मनकों की माला धारण करने से साहस,पराक्रम और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।


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