ये हैं कर्ज़ से मुक्ति पाने के सबसे सरल उपाय, 1 बार आप भी ज़रूर अपनाएं

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2020 - 11:25 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ऋण आज पूरी दुनिया की बड़ी समस्याओं में से एक है। नई कार, नया घर खरीदना, शैक्षिक शुल्क आदि जैसी जीवन की परेशानियों को हल करने के लिए लोग ऋण ले तो लेते हैं, परंतु कई बार वे समय पर उसका भुगतान नहीं कर पाते हैं। लिए गए ऋण का समय पर भुगतान न कर पाने की स्थिति में व्यक्ति को अपनी गिरवी संपत्ति, गहने और अन्य वस्तुओं से हाथ धोना पड़ता है, साथ में खोना पड़ता है अपना मान-सम्मान।

यह भी देखने में आता है कि अनेक किसान और अन्य व्यक्ति अपने ऋण का भुगतान न कर पाने पर आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं और कुछ अपने देश से भागकर दूसरे देश में चले जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति ने किसी कारणवश ऋण ले भी लिया है तो वह निम्न उपायों को अपनाकर इससे मुक्ति पा सकता है।
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शास्त्रों में मंगलवार और बुधवार को ऋण के लेन-देन के लिए वर्जित किया गया है। मंगलवार के दिन ऋण लेने वाला व्यक्ति आसानी से ऋण चुका नहीं पाता तथा उस व्यक्ति की संतान भी इस वजह से परेशानियां उठाती है :

शनिवार को ऋणमुक्तेश्वर महादेव का पूजन करें।

मंगल की पूजा, दान और मंगल के मंत्रों का जप करें।

मंगल एवं बुधवार को कर्ज का लेन-देन न करें।

लाल, सफेद वस्त्रों का अधिकतम प्रयोग करें।

श्रीगणेश को प्रतिदिन दूर्वा और मोदक का भोग लगाएं।

प्रति बुधवार को श्रीगणेश के अथर्वशीर्ष का पाठ करें।

शिवलिंग पर प्रतिदिन कच्चा दूध चढ़ाएं।

रोज़ाना लाल मिर्च के ग्यारह बीज जलपात्र में डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। ‘सूर्याय नम:’कहते हुए अपने रुके धन की प्राप्ति की प्रार्थना करें।

शुक्ल पक्ष के गुरुवार से अपने माथे पर केसर एवं चंदन का तिलक लगाना आरंभ कर दें। प्रत्येक वीरवार को रामदरबार के सामने दंडवत प्रणाम कर मनोकामना करें, कार्य सफल हो जाएगा।

यदि आपकी रकम कहीं फंस गई है और पैसे वापस नहीं मिल रहे  हैं तो आप रोज सुबह नहाने के पश्चात सूर्य को जल अर्पण करें। उस जल में 11 बीज लाल मिर्च के डाल दें तथा सूर्य भगवान से पैसे वापसी की प्रार्थना करें। इसके साथ ही “आदित्याय नम:” का जाप करें।
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सूर्य को जल अर्पित करने का तरीका
सूर्य हमारे जीवन में प्रकाश और ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है, इसके बिना तो संसार में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसी कारण ज्योतिष में इसे किसी भी इंसान का प्राण कहते हैं। साथ ही इनकी कृपा होने पर आपको हर काम में सफलता मिलती है। हिंदू धर्म में सबसे पहले देवता सूर्य को ही माना जाता है आज भी साक्षात रूप में है।

सूर्य यदि आपकी कुंडली में सही है तो आपको समाज में सम्मान के साथ-साथ उच्च पद, राजकीय पद आदि मिल सकता है। साथ ही परिवार का साथ भी रहता है। कई बीमारियों से भी बचाव होता है।

यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपको कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है इसलिए इसे बलवान करने के लिए हम कई उपाय करते हैं ताकि यह हमारी कुंडली में अच्छे योग में हो। इसके लिए हम कई उपाय करते हैं जैसे कि उनकी पूजा, दान देना आदि।

इन्हीं उपायों में से एक उपाय है कि सूर्य देवता को जल चढ़ाना। जब आप सूर्य को जल अॢपत करते हैं तो नौ ग्रहों की कृपा भी बनी रहती है लेकिन ठीक ढंग से जल अॢपत न कर पाने से उसका फल उतना नहीं मिल पाता। जानिए सूर्य को किस तरह से जल अॢपत करना चाहिए :

सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत होकर स्नान करें और एक लोटे में जल भरकर सूर्य को अॢपत करें। माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में जल चढ़ाने से फल अधिक मिलता है। अर्थात जब सूर्य लाल रंग का होता है और आपको ठीक ढंग से दिखाई देता है।
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हमेशा जल को सिर के ऊपर से करें ताकि सूर्य की सातों किरणें आपके शरीर में पड़ें जिससे सूर्य के साथ-साथ आपके नौ ग्रह भी मजबूत बनें। इसके बाद सूर्य के सामने हाथ जोड़कर अपनी प्रार्थना करें ताकि आप पर उनकी कृपा बनी रहे।


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Jyoti

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