मां देवकी की इच्छा पूर्ती के लिए श्रीकृष्ण गए यमलोक

punjabkesari.in Monday, Nov 06, 2017 - 12:14 PM (IST)

हम सब ये तो जानतें ही होंगे कि श्रीकृष्ण के मामा कंस ने अपनी मृत्य के भय से अपनी ही चचेरी बहन को बंधी बना लिया था और उसकी छ: संतानों को मार डाला था। लेकिन हम में से बहुत कम लोगों को येे पता होगा कि श्री कृष्ण ने योग माया रचा अपनी मां देवकी को उनके मृत पुत्रों को स्तनपान कराने का सौभाग्य प्रदान किया था। आईए इस के बारे में विस्तार में जानें:


एक बार माता देवकी जी के मन में अपने छ: मृत पुत्रों को मिलने की अभिलाषा जाग उठी। माता देवकी भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी का अद्भुत पराक्रम देख चुकी थी, इसलिए उन्हें यह विश्वास था कि ये दोनों कोई साधारण नहीं है बल्कि परमात्मा ही है, ये अवश्य ही मेरे पुत्रों को यमलोक से ले आएंगे। तदुपरांत देवकी जी के श्री कृष्ण और बलराम जी से अपने मृत पुत्रों को यमलोक से लाने की प्रार्थना की। इसपर दोनों योग माया का आश्चय ग्रहण कर सुत्ल लोक में दैत्यराज बलि के पास गए। दैत्यराज बलि ने बड़े प्रसन्नता से उन दोनों की पूजा की और बालकों को भगवान को सौंप दिया।

 

बालकों को लेकर श्रीकृष्ण और बलराम माता के पास आए और उन्हें माता को दे दिया। पुत्रों को देखकर माता देवकी के ह्रदय में वात्सल्य स्नेह की बाढ़ उमड़ आई। उनके स्तनों से दूध झरने लगा। वें बार-बार उन्हें गोद में लेकर सीने से लगाती और उनका सिर चूमती। उनके अानंद का ठिकाना नहीं रहा। माता ने बालकों को स्तनपान कराया। अमृतमय दूध पीने से तथा भगवान श्री कृष्ण के स्पर्श हो जाने से बालक मुक्त हो गए। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण, माता देवकी, पिता वसुदेव और बलराम जी को प्रणाम किया और वे सबके देखते ही देखते देवस्वरूप होकर देवलोक को चले गए।   
 


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