सूर्य ग्रहण से जुड़ी ये जानकारी नहीं जानते आप तो क्लिक करें

punjabkesari.in Friday, Jun 12, 2020 - 04:09 PM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल का पहला सूर्यग्रहण 21 जून दिन रविवार को लगने जा रहा है, जिसे खंडग्रास सूर्य ग्रहण के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू तथा ज्योतिष शास्त्रों की मानेंतो ग्रहण की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दौरान बहुत सावधानियां अपनाने की हिदायत दी जाती हैं। लेकिन खंडग्रास सूर्यग्रहण होता क्या है? ये एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर आज भी बहुत से लोगों को नहीं पता। कोई बात नहीं, अगर आपके साथ भी ऐसा है और आप भी जानना चाहते हैं कि आखिर ये खंडग्रास क्या होता है और खंडग्रास सूर्यग्रहण कैसे लगता है तो आज आपकी ये इच्छा हम अपने इस आर्टिकल द्वारा पूरी कर देंगे। 
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तो चलिए जानते हैं इसके बारे में- 
बता दें इससे पहले 14 दिसंबर 2019 को सूर्य ग्रहण लगा था। दरअसल ज्योतिष शास्त्र केे अनुसार ग्रहण कई प्रकार के होते हैं जैसे खग्रास या पूर्ण, खंडग्रास, मान्द्य, कंकणाकृति आदि। जिसमें से अगर बात खंडग्रास के अर्थ के बारे में बात करें तो इसका मतलब होता है सूर्य या चंद्रमा ग्रहण की वह अवस्था जब ग्रहण केवल इनके कुछ अंश पर ही लगता है। कहने का अर्थात चंद्रमा सूर्य के सिर्फ कुछ हिस्से को ही ढंकता है, इसी स्थिति को खंड-ग्रहण कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें इसके अलावा  संपूर्ण हिस्से को ढंकने की स्थिति खग्रास ग्रहण कहलाती है।
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कैसे होता है सूर्य ग्रहण- 
ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं कि सूर्य ग्रहण तब लगता है जब सूर्य आंशिक या पूरी तरह चंद्रमा द्वारा आवृत्त हो जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आता है तो वह सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ढंक देता है। ज्योतिष शास्त् में इसी घटना को सूर्य ग्रहण के नाम से जाना जाता है। अगर सरल अर्थों में कहें तो जब पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया पड़ती है तब सूर्य ग्रहण होता है। तो वहीं जब पृथ्वी सूर्य तथा चंद्रमा के बीच आती है, तब चंद्र ग्रहण होता है।
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Jyoti

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