Solar Eclipse 2020: सूर्य देव की अपार कृपा करनी है प्राप्त तो ज़रूर करें इन मंत्रों का करें जाप
punjabkesari.in Wednesday, Jun 17, 2020 - 06:27 PM (IST)
शास्त्रों की बात जानें धर्म के साथ
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण लगने की स्थिति को एक खगोलयी घटना कहा जाता है। आप में से बहुत सो लोग होंगे जिन्हें ये नहीं पता होगा कि इसका क्या अर्थ होता है तो बता दें सरल भाषा में कहा जाता है जब चंद्रमा सूर्य व पृथ्वी के बीच आ जाता है तो सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती, इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में इस दौरान बहुत तरह की सावधानियां रखी जाती हैं। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए ये समय शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए धार्मिक के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र में कई हिदायतें दी जाती है। बता दें बड़े-बड़े ज्योतिषीयों का कहना है कि इस बार 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण का प्रभाव काफी भारी रहने वाला है। हर कोई इस पर अपनी अलग धारण बता रहा है। परंतु कुल मिलाकर हर ज्योतिष विशेषज्ञ का यही कहना है कि ये ग्रहण न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए कई तरह से घातक साबित हो सकता है। ऐसे में हर कोई इसके अशुभ प्रभाव से बचना चाहता है।
मगर बहुत से लोग ये नहीं समझ पा रहे कि आख़िर उन्हें इस दिन क्या करना चाहिए, क्योंकि एक तो ग्रहण काल में घर से बाहर किसी मंदिर में जाना निषेध होता है क्योंकि इस दौरान धार्मिक स्थल बंद होते हैं तो दूसरा कोरोना महामारी का सब पर कहर। तो ऐसे में क्या किया जाए जिससे इनकी कृपा प्राप्त हो सके।
दरअसल शास्त्रों में ऐसे कुछ मंत्र बताए गए हैं जिनका ग्रहण काल में उच्चारण करना बहुत ही लाभदायत साबित हो सकता है।
ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:।
वाक् सिद्धि के लिए-
ॐ ह्लीं दूं दूर्गाय: नम:
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए तांत्रिक मंत्र-
ॐ श्रीं ह्लीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:।
नौकरी एवं व्यापार में वृद्धि के लिए इस मंत्र का जाप पूरे ग्रहण के दौरान करते रहें-
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
मुकदमे में विजय के लिए-
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
(नोट- उपरोक्त मंत्र में 'सर्वदुष्टानां' की जगह जिससे छुटकारा पाना हो उसका नाम लें।)
उपरोक्त मंत्रों में से प्रत्येक मंत्र केवल तभी सफल होता है जब पूर्ण श्रद्धा व विश्वास से इसका जाप किया जाए।