भौम प्रदोष व्रत- अगर नही पता शिव जी की पूजन विधि तो पढ़े ये मिलेगा पूजा का संपूर्ण फल
punjabkesari.in Tuesday, May 05, 2020 - 02:36 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज वैसाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भौम प्रदोष का व्रत मनाया जा रहा है। इस दिन शुभ भगवान शंकर की पूजा का अधिक महत्व होता है। खासतौर पर इस दिन देवों की देव महादेव का अभिषेक करना लाभदायक माना जाता है। परंतु क्योंकि इस समय कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में जाकर विधि वत इनको प्रसन्न नहीं कर सकते। इसलिए लगभग अपने घरों में बैठकर अपने इष्ट यानि भगवान शंकर को प्रसन्न करने में लगे हैं। मगर इनमें से ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें बारे में कोई जानकारी नहीं कि प्रदोष व्रत के दिन घर बैठे कैसे विधिवत पूजा कर शिव शंभू की कृपा पाई जा सकती है।
तो बता दें ऐसे में आप बहुत आसानी से त्रिपुरारी का आशीर्वाद पा सकते हैं। जी हां, इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की ज़रूरत भी नहीं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर प्रदोष व्रत के दिन अगर जातक केवल श्रद्धापूर्वक श्री शिव रूद्राष्टकम पढ़ता है तो उसकी हर इच्छा पूरी होती है।
यहां जानें श्री शिव रूद्राष्टकम-
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
प्रचण्डं प्रकष्टं प्गल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।।
॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
नाहन-हरिपुरधार मार्ग पर वैन दुर्घटनाग्रस्त, पेड़ ने बचाई 3 लोगों की जान