Shardiya Navratri 2020: कन्या पूजन करने से पहले ज़रूर पढ़ लें ये बातें
punjabkesari.in Saturday, Oct 17, 2020 - 02:17 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
देवी दुर्गा के नवरात्रों में उन्हें प्रसन्न करने के लिए बहुत से कार्य किए जाते हैं। पहले दिन से लेकर नवमी तिथि तक विधि वत पूजा-अर्चना के अलावा कन्या पूजन का अधिक महत्व है। मगर एक बात को लेकर लगभग प्रत्येक व्यक्ति अजमंजस में रहता है कि किस उम्र तक की कन्याओं को भोजन आदि करवाने का महत्व होता है। तो आपको बता दें शास्त्रों में इस बारे में उल्लेख किया गया है। मगर बहुत ही कम लोग हैं जिन्हें इस बारे में जानकारी होती है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि नवरात्रों में कन्या पूजन के दौरान इनकी संख्या कितनी होनी चाहिए, साथ ही साथ ये भी जानते हैं कि इन कन्याओं की उम्र क्या होनी चाहिए।
अक्सर कहा सुना जाता है बच्चे भगवान का रूप होते हैं। ऐसी ही एक मान्यता है नवरात्रों से भी जुड़ी हुई है कि देवी दुर्गा का रूप मानकर इस दौरान कन्याओं का पूजन किया जाता है, इन्हें घर में बुलाकर भोजन करवाया जाता है, साथ ही साथ इन्हें विधा करते हुए अपनी क्षमता अनुसार दान-दक्षिणा या कोई न कोई उपहार भेंट किया जाता है।
ऐसे में ये जानना बेहद आवश्यक होता है कि इस कौन सी कन्याओं पूजनी चाहिए-
बता दें धार्मिक ग्रंथों में बताया है कि 3 वर्ष से लेकर 9 वर्ष उम्र तक की कन्याएं को साक्षात देवी दुर्गा का रूप माना जाता है। शास्त्रों में इस बारे में भी उल्लेख किया गया है कि कौन सी कन्या के पूजन से कौन सा लाभ प्राप्त होता है।
जानें उम्र के अनुसार कन्या पूजन का लाभ-
1 साल की कन्या की पूजा- ऐश्वर्य की प्राप्ति
2 साल की कन्या की पूजा- भोग और मोक्ष की प्राप्ति
3 साल की कन्या की पूजा- धर्म, अर्थ एवं काम की प्राप्ति
4 साल की कन्या की पूजा- राज्यपद की प्राप्ति
5 साल की कन्या की पूजा- विद्या की प्राप्ति
6 साल की कन्या की पूजा- 6 प्रकार की सिद्धि की प्राप्ति
7 साल की कन्या की पूजा- राज्य की प्राप्ति
8 साल की कन्या की पूजा- संपदा की प्राप्ति
9 साल की कन्या की पूजा- पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है।
बता दें कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन करते हैं, मगर कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रों के दौरान अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना सबसे श्रेष्ठ रहता है। इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि कन्याओं की आयु 10 साल से ज्यादा न हो।
अब जानें उम्र के अनुसार कौन सी कन्या कहलाती है कौन सी देवी-
2 साल की कन्या कुमारी कहलाती है, जिसे पूजने से धन का प्राप्ति होती है।
3 साल की कन्या को त्रिमूर्ति माना जाता है, जिसे पूजना लाभदायक साबित होता है।
4 साल की कन्या को कल्याणी कहा जाता, जिसकी आराधना से जीवन में सुख की कमी नहीं होती।
5 साल की कन्या को रोहिणी कहते हैं, जिनके पूजा से सफलता प्राप्ति होती है।
6 साल की कन्या कालिका को का रूप माना जाता है, जिन्हें यश प्रदान करने वाली कहा जाता है।
7 साल की कन्या को चंडिका के रूप में पूजा जाता है, जिनकी अर्चना से घर में समृद्धि आती है।
8 साल की कन्या को शांभवी कहते हैं, जिनके पूजन से पराक्रम में वृद्धि होती है।
9 साल की कन्या को देवी दुर्गा माना जाता है, इनकी पूजा से वैभव की प्राप्ति होती है।
10 साल की कन्या सुभद्रा कहलाती हैं, धार्मिक मान्यताओं में नवरात्रों में देवी का रूप मानकर पूजे जाने वाली कन्याओं की उम्र केवल 9 ही बताई गई है।
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