Sharad Purnima 2021: चांद की रोशनी में खीर को रखने का वैज्ञानिक कारण जानते हैं आप?

punjabkesari.in Saturday, Oct 16, 2021 - 02:11 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूं तो हिंदू धर्म में प्रत्येक वर्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा को महत्व प्राप्त है, परंतु बताया जाता है कि इन तमाम पूर्णिमा तिथियों में से शरद पूर्णिमा को सबसे अहम माना जाता है। अपनी वेबसाईट के माध्यम से हम आपको इसके महत्व आदि के बारे में बता चुके हैं, अब हम बात करने जा रहे हैं इससे जुड़ अन्य जानकारी। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। अंतरिक्ष के समस्त ग्रहों से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा चंद्रकिरणों के माध्यम से पृथ्वी पर पड़ती हैं। शरद पूर्णिमा के दिन खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखी जाती है और रात के एक पहर के बाद लक्ष्मी जी को इस खीर का भोग लगाया जाता है। जिसके पीछे वैज्ञानिक तर्क यह है कि चंद्रमा के औषधीय गुणों से युक्त किरणें पड़ने से खीर भी अमृत के समान हो जाएगी। उसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होगा।

इसके अलावा बता दें इस दौरान विभिन्न स्थानों पर देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होती है, वहां लक्ष्मी पूजन का विशेष आयोजन होता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक नित्य आकाशदीप जलाने और दीपदान करने से दुख दारिद्र्य का नाश होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की निशा में ही भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना तट पर गोपियों के साथ महारास रचाया था। इसलिए इसी दिन से कार्तिक मास के यम नियम, व्रत और दीपदान भी शुरू हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन छोटा सा उपाय करने से भी बड़ी-बड़ी विपत्ति टल जाती हैं। तो आइए इसी अवसर पर जानते हैं इस दिन पूजा के लिए किस विधि का उपयोग करना चाहिए। 

शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर सबसे पहले अपने इष्ट देव का पूजन करना चाहिए।
- उसके बाद भगवान इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करने के लिए घी का दीपक जलाएं।
- इस दिन ब्राह्माणों को विशेषकर खीर का भोजन करवाकर दान दक्षिणा भी देनी चाहिए। 
- शरद पूर्णिमा का व्रत विशेषकर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन घर में जागरण करने से भी धन-संपत्ति में लाभ होता है। 
- शरद पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। 
- शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर मंदिर में दान करने से भी लाभ मिलता है।
- पूजा करने के बाद रात 12 बजे के बाद अपने परिवार के लोगों को खीर का प्रसाद बांटें।


गुरमीत बेदी 
gurmitbedi@gmail.com 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News