घृत पर्व: 20 जनवरी को उतरेगा पिंडी से मक्खन का श्रृंगार

punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 11:23 AM (IST)

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Shaktipeeth Shri Bajreshwari Devi Temple Kangra: श्री बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में जिला स्तरीय घृत मंडल पर्व शुक्रवार से शुरू हो चुका है। देवी भगवती के 52 शिक्तपीठों में से एक है शिक्तपीठ माता श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर। इस पवित्र स्थल पर देवी सती का दाहिना वक्ष गिरा था। यहां मां तीन पिंडियों में विराजित हैं भद्रकाली, एकादशी व माता बज्रेश्वरी। इन तीनों रुपों में मां की पूजा होती है। 

लंबे अर्से से यहां परंपरा चली आ रही है की मकर संक्रांति के दिन से लेकर 7 दिन तक घृत मंडल पर्व मनाया जाता है। देसी घी को 101 बार ठंडे जल में रगड़ रगड़ बनाया जाता है मक्खन। मकर सक्रांति की रात मंदिर के पुजारियों ने मां की पिंडी पर 18 क्विंटल मक्खन से घृत मंडल बनाकर उसे मेवों और फल-फूलों से सजाया था। कोरोना का प्रकोप जोरो पर है, महामारी फैलने न पाए इसलिए इस वर्ष बज्रेश्वरी मंदिर में भगवती जागरण का आयोजन नहीं किया गया। मां के भवन की साज-सजावट भी न के बराबर थी। साधारण स्तर पर पर्व का आयोजन किया गया। मां बज्रेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना तो चलता रहा। एक सप्ताह तक मां की पिंडी पर मक्खन का लेप किया रहेगा। 

फिर 20 जनवरी को उतरेगा पिंडी से मक्खन का श्रृंगार और इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। पावन पिंडी पर चढ़ाया गया मक्खन औषधी के रुप में काम करता है। मंदिर के पुजारी बताते हैं की इस मक्खन रूपी प्रसाद से धाव, फोड़े आदि का उपचार होता है। न केवल भारत देश से बल्कि विदेशों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस मक्खन रूपी औषधी को लेने के लिए कांगड़ा मां की शरण में आते हैं।

श्री बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा का बाहरी माहौल बहुत दार्शनिक बना हुआ है। बर्फ से ढकी धौलाधार की चोटियां मनोहारी छटा बिखेर रही हैं।


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Content Writer

Niyati Bhandari

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