Sawan 2021: सावन की शिवरात्रि भी होती है बेहद शुभ, जानें इसका पूजा मुहूर्त

punjabkesari.in Saturday, Jul 24, 2021 - 01:40 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
25 जुलाई यानि रविवार को इस वर्ष अर्थात 2021 का श्रावण मास प्रारंभ होने जा रहा है। हालांकि जो लोग संक्रांति से सावन रा प्रारंभ मानते हैं उनका ये मास पिछले सप्ताह प्रारंभ हो चुके हैं। परंतु लगभग लोग आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि के बाद ही श्रावण मास का प्रारंभ करते हैं। सनातन धर्म के अनुसार इस मास में भगवान शिव की पूजा का खास महत्व है। इसीलिए इस पूरे मास में खासतौर पर भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। ज्योतिष मान्यता है कि श्रावण का पूरा मास शिव-पार्वती की पूजा के लिए सर्वोत्तम एवं सर्वश्रेष्ठ होता है। इस मास में जो व्यक्ति शिव पार्वती की विधि वत आराधना करता है उसकी हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। तो आइए जानते हैं श्रावण का शुभ मुहूर्त साथ ही जानेंगे श्रावण मास की शिवरात्रि के महत्व व शुभ मुहूर्त के बारे में-

सावन का प्रारंभ-
इस साल सावन 2021, जिसे श्रावण मास 2021 भी कहा जाता है, 25 जुलाई से शुरू हो रहा है और 22 अगस्त 2021 को समाप्त होगा।

सावन का शिवरात्रि व्रत-  
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सावन माह की चतुर्दशी तिथि 6 अगस्त दिन शुक्रवार शाम को 06 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो रही है जो अगले दिन यानि 7 अगस्त को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म के अनुसार चूंकि शिवरात्रि का पूजन रात्रि में होता है इसलिए शिवरात्रि का व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा। 

शिवरात्रि पूजा मुहूर्त-
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शिवरात्रि का पूजन निशिता काल में करना उत्तम माना जाता है। निशिता काल में सावन शिवरात्रि पूजा का समय देर रात 12 बजकर 06 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक है। यहां जानें सावन शिवरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं-

शाम को 07: 08 बजे से रात 09 : 48 बजे तक
रात 09 : 48 बजे से देर रात 12 :27 बजे तक
देर रात 12:27 बजे से तड़के 03 : 06 बजे तक
07 अगस्त को तड़के 03 : 06 बजे से प्रात: 05 : 46 बजे तक
सावन शिवरात्रि 2021 पारण समय

शिवरात्रि व्रत पारण- 7 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 47 मिनट।

भगवान शिव की पूजन विधि-
प्रातः स्नान आदि से निवृत्त होकर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
इसके उपरांत शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर गंगा जल और दूध के साथ धतूरा, बेलपत्र, पुष्प, गन्ना आदि  अर्पित करें।
तथा  ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए अब धूप दीप करें और अंत में शिव जी की आरती करें। 


 


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Content Writer

Jyoti

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