Sawan 2020: आप भी सावन में पहनती हैं सावन में हरी चूड़ियां तो...

punjabkesari.in Thursday, Jul 16, 2020 - 04:48 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
श्रावण मास के साथ शिव जी की पूजा के अलावा कई अन्य मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। जैसे कि इस मास में लड़कियां और महिलाएं साज-श्रृंगार करती हैं, हाथों मे मेंहदी लगवाती हैं तथा लाल चूंड़ियां पहनती हैं। कहते हैं जहां एक तरफ़ भक्ति के इस पावन माह में शिव जी गुणगान करना महत्वपूर्ण व लाभदायक माना जाता है। तो दूसरी ओर इस दौरान महिलाओं के लिए उपरोक्त बताए गए काम करने भी आवश्यक बताए गए हैं। इसका एक कारण है सावन मास से जुड़ी मान्यता कि इस मास में जो महिला या कुंवारी लड़की भगवान शंकर का व्रत आदि करती हैं तो उनके पति की आयु लंबी होती है साथ ही साथ कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होने का आशीर्वाद प्राप्त होता। यानि कहा जा सकता है कि अच्छे वर व सौभाग्य की कामना से महिलाएं व्रत आदि के साथ-साथ श्रृंगार आदि करती हैं। 
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पंरतु क्यों इस दौरान महिलाएं हरी चूड़ियां ही पहनती है। खासतौर पर महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाला हरियाली त्यौहार के दौरान बाज़ारों में इसकी बिक्री में तनी बढ़ोतरी कैसे हो जाती है? अगर आप सब के दिमाग में भी ये सब प्रश्न चल रहे हैं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि हरियाली चीज़ तथा सावन में महिलाएं विशेष तौर पर हरी चूड़ियां क्यों पहनती हैं। 

सबसे पहले जानें क्या है हरे रंग का महत्व- 
अगर ज्योतिषियों का मानें तो हरे रंग का अपना अलग महत्व गया है क्योंकि यह बुध ग्रह से जुड़ा हुआ है। तो वहीं हरा रंग हमारी प्रकृति से भी जुड़ा हुआ है। इसके अलावा इस रंग को बसंत ऋतु, आशा, प्रकृति, नए जीवन, कर्मठता और यौवन का भी रंग माना जाता है, कहा है किसी भी रूप से इसका प्रयोग करने से व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है।
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हरी चूड़ियां पहनने का कारण- 
कहा जाता है शिव जी के इस पावन माह में स्त्रियों से जुड़े कई त्यौहारम मनाए जाते है, जिनमें से हरियाली तीज को अधिक धूमधाम से मनाया जाता है। शास्त्रों में हरे रंग को सौंदर्य के साथ-साथ सुहाग का प्रतीक बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार इस माह में प्रकृति के सौंदर्य की छटा भी निराली होती है। 

चूंकि सावन मेें प्रकृति की चारों ओर हरियाली ही हरियाली बिखरी रहती है, जो हर किसी की आंखों को बहुत सुकून पहुंचाती हैं। ऐसे में मान्यता है कि हरे रंग के कपड़े या चूड़ियां पहनने से भगवान शिव और विष्णु प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है यही कारण है कि सावन में पड़ने वाले त्यौहारों पर सुहागन स्त्रियां माता पार्वती को सुहाग का शृंगार भी अर्पित करती हैं, जिसमें विशेष तौर पर हरी और लाल रंग की चूड़ियां अर्पित की जाती हैं। धार्मिक शास्त्रों से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि मां अंबे स्वयं प्रकृति हैं, जो पति-पत्नी के बीच प्रेम को बढ़ाकर उनके रिश्तों को मज़बूत और मधुर बनाती हैं। 
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Jyoti

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