सफला एकादशी पर करें इन नियमों के साथ पूजा

punjabkesari.in Friday, Jan 08, 2021 - 12:40 PM (IST)

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ तिथि माना जाता है। दरअसल यह तिथि भगवान विष्णु जी को प्रिय है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु जी की आराधना के लिए एकादशी व्रत रखा जाता है। वहीं हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति माह में दो बार यानि शुक्ल और कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि आती है। इस प्रकार 12 महीने में 24 एकादशी तिथियां आती है लेकिन अधिक मास आने के कारण 26 एकादशी तिथियां हो जाती हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि हर व्यक्ति को दोनों पक्षों की एकादशी के व्रत का पालन करना चाहिए। तो चलिए आगे जानते हैं इस साल बन रहे कुछ खास संयोग के बारे में।
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एकादशी तिथियों को लेकर साल 2021 में खास संयोग बन रहा है। जी हां, इस साल एक माह में तीन एकादशी तिथियां पड़ रही हैं। साल के ग्यारहवें माह यानि नवंबर में तीन एकादशी तिथि पड़ रही हैं। इस माह का आरंभ और अंत एकादशी तिथि के साथ हो रहा है।
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शास्त्रों और वेदों के अनुसार यह हिंदू लोगों के लिए एक पवित्र दिन है और ये माना जाता है कि जो भक्त अत्यंत समर्पण और ईमानदारी के साथ एकादशी का व्रत रखते हैं। वे अपने वर्तमान और पिछले जीवन के सभी पापों को समाप्त कर सकते हैं। इसलिए भविष्य में आगे खुशनुमा और आनंदपूर्ण जीवन जी सकते हैं। चलिए आगे जानते हैं एकादशी व्रत के नियम-
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एकादशी के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प कर शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए।

विधिनुसार भगवान श्रीकृष्ण का पूजन और रात को दीपदान करना चाहिए।

एकादशी की रात भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए।

व्रत की समाप्ति पर श्री हरि विष्णु से अनजाने में हुई भूल या पाप के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
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अगली सुबह यानी द्वादशी तिथि पर पुनः भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।

भोजन के बाद ब्राह्मण को क्षमता के अनुसार दान देकर विदा करना चाहिए।


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